अगर आपके पास पैसे खत्म हो गए है और बैंक अकाउंट में भी बैलेंस नहीं बचा है तो आपको खर्च के लिए उधार पैसों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड आपका काम बना देता है। कई बैंक और पेमेंट कंपनियां अब क्रेडिट कार्ड या क्रेडिट लाइन के माध्यम से उधार पैसा देने लगी हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड क्या होता है? और इसके क्या फायदे होते हैं? What is Credit card meaning in Hindi? What are its Benefits in Hindi
क्रेडिट कार्ड क्या होता है? Credit card meaning in Hindi
क्रेडिट कार्ड, एक प्रकार की उधार खर्च करने की सुविधा होती है, जोकि एक कार्ड या कार्ड नंबर की मदद से मिलती है। बैंक या पेमेंट सेक्टर से जुड़ी कंपनियां क्रेडिट कार्ड जारी करती हैं। इसमें आपको पहले से निश्चित सीमा तक खर्च की सुविधा ही मिलती है। आप किसी भी तरह के सामान या सेवाओं की खरीदारी के लिए, उन पैसों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि, आप कपड़ों की खरीदारी कर सकते हैं, होटल या रेस्टोरेंट या स्टॉल पर पेमेंट कर सकते हैं, बस, ट्रेन, हवाई जहाज के टिकट का दाम चुका सकते हैं, हॉस्पिटल बिल या स्कूल-कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकते हैं।
हर महीने की एक निश्चित तारीख तक बिल का भुगतान करना पड़ता है?
हर क्रेडिट कार्ड का एक Payment Cycle (भुगतान चक्र) होता है। यानी कि एक निश्चित अवधि के दौरान खर्च किए गए पैसों का भुगतान, अगले महीने की एक निश्चित तारीख तक करना अनिवार्य होता है। जैसे कि, SBI card की ओर से जारी एक क्रेडिट कार्ड की खर्च अवधि और उसके पेमेंट की अंतिम तिथि (Last Date) के बारे में जानकारी हम नीचे दे रहे हैं-
- हर महीने की 23 तारीख को आपका बिल जारी होता है
- अगले महीने की 12 या 13 तारीख तक इसका पेमेंट करना पड़ता है
क्रेडिट कार्ड का अकाउंट आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा नहीं रहता: मतलब यह कि जब भी आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो पैसा डायरेक्ट उस क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ही कटता है। आपके बैंक अकाउंट से कोई पैसा नहीं कटता। जैसे ही वह लिमिट खत्म होती है, उसके आगे आप खर्च नहीं कर सकते। हालांकि क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट के लिए आप बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप बिल पेमेंट को लिंक भी कर सकते हैं, जिससे कि हर महीने अपने आप आपके बिल का पैसा आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है।
क्रेडिट कार्ड का स्वरूप कैसा होता है? क्रेडिट कार्ड की बनावट भी एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड की तरह होती है। हर क्रेडिट कार्ड पर आपके कार्ड का नंबर, कार्डधारक का नाम और उसकी वैधता खत्म होने की तारीख, signature, CVC code वगैरह दर्ज रहती है। (ऊपर चित्र में देखें) क्रेडिट कार्ड से जुड़े ऑनलाइन अकाउंट में लॉगिन करके आप उसकी लिमिट, वर्तमान बिल, पिछले पेमेंट वगैरह के रिकॉर्ड भी चेक कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे तय होती है? ग्राहक की आमदनी (income) और क्रेडिट स्कोर के हिसाब से उसकी क्रेडिट लिमिट तय की जाती है। ये क्रेडिट स्कोर आपके पिछले वित्तीय लेन-देन के हिसाब से तैयार होता है, जोकि आपके PAN कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर की मदद से चेक किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी या बैंक के पास यह रिकॉर्ड, CIBIL के पास मौजूद डेटाबेस की मदद से पहुंचता है।
क्रेडिट कार्ड के फायदे | benefits of Credit Card
अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है और आप उसका ठीक तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह बहुत काम की चीज होता है। इससे मिलने वाले प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं-
साथ में नकदी ले जाने की जरूरत नहीं
क्रेडिट कार्ड से आप किसी भी तरह की खरीदारी या बिल का भुगतान कर सकते हैं। बिजनेस स्टोरों पर और ऑनलाइन खरीदारी का भुगतान करने के अलावा, मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज से लेकर बिजली बिल का भुगतान, ट्रेन या हवाई जहाज का टिकट बुक करना, फिल्म देखने के लिए टिकट बुक करना जैसे तमाम काम आप क्रेडिट कार्ड से निपटा सकते हैं। यानी कि पास में बिना नकदी (without cash) रखे भी आप अपने सारे काम निपटा सकते हैं।
शॉपिंग सेंटरों पर मौजूद PoS terminal पर अपना कार्ड स्वाइप करके और पासवर्ड डालकर आप भुगतान कर सकते हैं, जबकि ऑनलाइन खरीदारी या पेमेंट करने पर क्रेडिट कार्ड नंबर और पासवर्ड डालकर आप कोई भी पेमेंट कर सकते हैं। बाद में या अगले महीने की निर्धारित तिथि तक अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भी भुगतान कर सकते हैं।
जरूरत पर उधार खर्ज करने की सहूलियत
आप सैलरी पाने वाले कर्मचारी हों या पेशेवर या कारोबारी, कभी-कभी न कभी ऐसा मौका जरूर पड़ता है, जबकि आपकी जेब में या बैंक अकाउंट में पैसे खत्म हो गए हों। ऐसे में क्रेडिट कार्ड आपके काम आ जाता है। आपको बिना किसी के आगे हाथ फैलाए पैसे खर्च करने की सुविधा मिल जाती है। आपको सिर्फ अगले महीने की पेमेंट तारीख तक अपने बिल का भुगतान कर देना होता है। टाइम पर पैसा चुका देने पर आपको किसी तरह की ब्याज या अतिरिक्त शुल्क देने की भी जरूरत नहीं पड़ती। आप जो पैसा जमा कर देते हैं, वह फिर आपकी क्रेडिट लिमिट में शामिल हो जाता है और खर्च के लिए उपलब्ध हो जाता है।
जरूरत पर नकदी निकालने की भी सुविधा
सामान्यत: क्रेडिट कार्ड कंपनियां, अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड लिमिट का एक हिस्सा नगद निकालने की भी सुविधा देती हैं। सामान्यत: यह 30% तक होता है। जैसे कि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो आप 30 हजार रुपए तक नकद भी निकाल सकते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे कि अपने एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड से पैसे निकालते हैं। आप ऑनलाइन रिक्वेस्ट करके अपनी कैश लिमिट को सीधे अपने बैंक अकाउंट में भी ट्रांसफर करा सकते हैं। हालांकि, इस सुविधा के लिए वह कंपनी आपसे कुछ प्रोसेसिंग शुल्क और ब्याज भी लेती है।
पूरा बिल न चुका पाने पर न्यूनतम पेमेंट करने की भी सुविधा
अगर आप किसी कारण से बिल पेमेंट की तारीख तक पूरा पैसा नहीं दे पाते हैं तो न्यूनतम पेमेंट करने का भी विकल्प होता है। यह आपके कुल बिल का लगभग 5% होता है। उदाहरण के लिए, आपका पूरा बिल 1000 रुपए है तो आप सिर्फ 50 रुपए भरकर काम चला सकते हैं। ऐसा करने पर, आप पेनाल्टी शुल्क से बच जाते हैं और आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई निगेटिव असर नहीं पड़ता। हालांकि, ऐसा करने पर आपको बचे हुए पैसों पर ब्याज लगने लगता है। ये ब्याज सामान्य लोन के मुकाबले काफी ज्यादा होता है। इसलिए जहां तक संभव हो टाइम पर पूरा भुगतान करने की कोशिश करनी चाहिए।
डिस्काउंट, रिवार्ड्स, कैशबैक और ऑफर्स भी मिलते हैं
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां, अपने कार्ड से खरीद करने पर डिस्काउंट देती हैं। अपने क्रेडिट कॉर्ड के अकाउंट में लॉगिन करके आप अपने ऑफर्स के बारे में पता कर सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी समय-समय पर जो Sale चलाती हैं, उनमें किसी न किसी खास कंपनी के क्रेडिट कार्ड से खरीद पर छूट जरूर देती हैं। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड होने पर आपको किस्तों (EMI) में भुगतान की सुविधा भी मिल जाती है। कुछ विशेष कार्डों पर 0% ब्याज वाली किस्तों पर भी भूगतान की सुविधा मिल जाती है। इसके अलावा भी तमाम तरह के Rewards, cashback और offers कंपनियां क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर उपलब्ध कराती हैं।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने और अपग्रेड कराने के विकल्प
क्रेडिट कार्ड के नियमों व शर्तों का पालन करते हुए समय से भुगतान करने पर आपके कार्ड की लिमिट बढ़ाने या उसे अपग्रेड करने के भी ऑफर मिलते रहते हैं। बीच-बीच में पर्सनल लोन जैसे ऑफर भी मिलते हैं। हालांकि, क्रेडिट कार्ड के पर्सनल लोन का ऑफर लेने से पहले उसकी शर्तें ठीक से जरूर पढ़ लेनी चाहिए। अक्सर क्रेडिट कार्ड के बिल या किस्तों के भुगतान के साथ में 18%GST भी जोड़कर चुकाना पड़ता है। मतलब यह कि अगर आपका बिल 1000 रुपए का भुगतान करते हैं तो 180 रुपए जोड़कर कुल 1180 रुपए चुकाना पड़ता है।
घरवालों के लिए Add-on Credit Card जुड़वाने की सुविधा
Add-on Credit Card को आप अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड (additional Credit Card) या पूरक क्रेडिट कार्ड (supplementary Credit Card) के रूप में समझ सकते हैं। जैसे कि आप अपने परिवार के किसी सदस्य (पत्नी, बच्चे, माता-पिता वगैरह) के लिए Add-on Credit Card ले सकते हैं। उस Add-on Credit Card पर भी जो खर्च किया जाएगा, वह आपके मुख्य क्रेडिट कार्ड के बिल के साथ जुड़ जाता। यानी की सभी Add-on Credit Cards के बिल का भुगतान मुख्य क्रेडिट कार्ड धारक (primary Credit Card holder) को ही चुकाना पड़ता है। सामान्यत: 3 से 5 क्रेडिट कार्ड जारी किए जा सकते हैं।
ऑनलाइन भी कर सकते हैं क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन
कई बैंक और पेमेंट से जुड़ी कंपनियां क्रेडिट कार्ड के लिए, अपनी वेबसाइट या App के माध्यम से, ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी देती हैं। आप अपने Aadhaar Card, PAN Card, Salary Slip या Income tax Return की मदद से क्रेडिट कार्ड पाने की योग्यता चेक कर सकते हैं। अगर आप किसी प्रतिष्ठत कंपनी में काम करते हैं तो ऑनलाइन ही आपकी आमदनी और अन्य डॉक्यूमेंट्स का भी वैरिफिकेशन हो जाता है। आपकी ओर से दिए गए डिटेल्स और डॉक्यूमेंट्स का बैंक की टीम या प्रतिनिधि की ओर से सत्यापन किए जाने के बाद आपको क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया जाता है।
कम शुल्क और आसान पात्रताएं
कुछ बैंक अपने क्रेडिट कार्ड के लिए सिर्फ शुरुआत में प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं और फिर आगे वह बिल्कुल फ्री रहता है। विशेषकर प्राइवेट बैंकों के क्रेडिट कार्ड आपको ज्यादा आसान शर्तों पर मिल जाते हैं। लेकिन, ध्यान रखें कि SBI के क्रेडिट कार्ड के लिए आपको हर साल एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। प्राय: यह शुल्क 500 रुपए के आसपास होता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के पहले उसकी प्रोसेसिंग फीस के साथ-साथ सालाना फीस (annual Charges) जरूर पता कर लेनी चाहिए।