प्रॉपर्टी बेचने पर आपको टैक्स देना होता है। ये टैक्स मुनाफे पर लगता है और इसे कैपिटल गेन्स टैक्स कहा जाता है। कैपिटल गेन्स टैक्स का रेट इनकम टैक्स के रेट से अलग होता है। कैपिटल गेन्स टैक्स का कैलकुलेशन करने के लिए प्रॉपर्टी के खरीदने और बेचने वाले भाव को बताना होता है। मुनाफा जानने के लिए ये जरूरी है।
प्रॉपर्टी के लिए लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन
अगर आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के बाद दो साल के अंदर बेच देते हैं तो फिर आपको जो भी मुनाफा होगा उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाएगा।
अगर प्रॉपर्टी को आप खरीदारी के दो साल बाद बेचते हैं तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाएगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के लिए टैक्स का रेट अलग अलग होता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स
प्रॉपर्टी पर पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का रेट 20% था। इसे अब घटाकर 12.5% कर दिया गया है। लॉन्ग टर्म कपैटिल गेन्स टैक्स का ये रेट अनलिस्टेड और लिस्टेड सभी तरह के एसेट के लिए है। मतलब शेयर हो या प्रॉपर्टी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का रेट अब 12.5% हो गया है।
ध्यान रखिए टैक्स का ये रेट मुनाफे पर होता है। बिक्री की कीमत से खरीद की कीमत घटाने पर जो वैल्यू मिलती है वो मुनाफा होता है। और उसी मुनाफे का 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स के तौर पर देना पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
जैसे अगर आपने कोई प्रॉपर्टी 40 लाख रुपए में खरीदी और कुछ साल बाद उसे एक करोड़ रुपए में बेच दिया तो फिर आपको 60 लाख का मुनाफा होगा। इसी 60 लाख का 12.5% रकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स होगी। यानी 7.5 लाख रुपए टैक्स देना होगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स
प्रॉपर्टी पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के लिए टैक्स का कोई एक फिक्स्ड रेट नहीं होता है। दरअसल अनलिस्टेड एसेट से जो भी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होता है उसे आपकी कुल इनकम में जोड़ दिया जाता है। यानी उसके बाद कुल इनकम पर जो टैक्स का रेट बनेगा उसी रेट के हिसाब से टैक्स शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर भी हो जाएगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स किस के लिए जीरो भी हो सकता है और किसी के लिए ये 39% तक भी हो सकता है। से सब इनकम टैक्स स्लैब पर निर्भर करता है।
कैपिटल गेन्स टैक्स कैलकुलेशन का नया नियम
पहले कैपिटल गेन्स टैक्स के कैलकुलेशन में कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स का यूज किया जाता है। इसका यूज करने से बढ़ती महंगाई के हिसाब से मुनाफे को एडजस्ट कर दिया जाता है। यानी आप एक्चुअल मुनाफा कम दिखा सकते थे। इस तरह इंडेक्सेशन फैक्टर का यूज करने के बाद जो कैपिटल गेन होता था उस पर 20% टैक्स देना होता था।
लेकिन अब नए नियम में इंडेक्सेशन बेनेफिट को खत्म कर दिया था। यानी अब आपको मुनाफे से महंगाई का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन इसके साथ ही अब नए नियम में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का रेट घटाकर 12.5% कर दिया गया है।
किसे फायदा, किसे नुकसान
ऊपर कैलकुलेटर में आप चेक कर सकते हैं कि पहले के नियम के हिसाब से कितना लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता और अब नए नियम के हिसाब से कितना टैक्स लगेगा। नए नियम से नुकसान या फायदा इस बात पर depend करेगा कि आपने प्रॉप्रटी कब खरीदा था और कितना मुनाफा हो रहा है।
दोस्तों हमने अलग टाइम और value लेकर कंपेरिजन किया है। उससे मोटा-मोटा निष्कर्ष ये निकलता है कि अगर महंगाई के मुकाबले आपकी प्रॉपर्टी के rate काफी ज्यादा बढ़ जाता है तो नए रेट से फायदा होगा। लेकिन अगर आपकी प्रॉपर्टी का rate महंगाई के साथ-साथ या उससे कम बढ़ता है तो पुराने rate से फायदा होता।
सेक्शन 54 से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स कैसे बचाएं
सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को बचाने का एक रास्त दिया है। इस रास्ते पर चलकर आप इस टैक्स को पूरा का पूरा बचा सकते हैं।
अगर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बचाना है तो रहने के लिए एक घर खरीदना होगा। घर खरीदना बड़ा फैसला है लेकिन अगर लाखों के कैपिटल गेन्स टैक्स की बात हो तो ये एक बढ़िया टैक्स सेविंग ऑप्शन है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के मुताबिक अगर आपको किसी प्रॉपर्टी को बेचकर मुनाफा हुआ है तो आप उस मुनाफे से दूसरी प्रॉपर्टी को खरीदकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बचा सकते हैं। अगर आप पूरे मुनाफे से नई प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं तो फिर आपको कुछ भी टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी।
सेक्शन 54 में सिर्फ प्रॉपर्टी के कैपिटल गेन पर टैक्स सेविंग का रास्ता बताया गया था। लेकिन सेक्शन 54F में दूसरे तरह के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को बचाने का रास्ता भी है।
सेक्शन 54F के मुताबिक अगर आपको किसी भी एसेट से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हो रहा तो आप कुल सेल वैल्यू से नई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदकर टैक्स बचा सकते हैं। इस सेक्शन के मुताबिक आप शेयर, गोल्ड या म्यूचुअल फंड के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को भी बचा सकते हैं।
सेक्शन 54 के तहत मिलने वाले टैक्स सेविंग के इस रास्ते की कुछ शर्तें भी हैं।
- टैक्स बचाने के लिए आपको मुनाफे या सेल वैल्यू को सिर्फ रिहायशी प्रॉपर्टी में ही इन्वेस्ट करना होगा। कॉमर्शियल प्रॉपर्टी या गोल्ड वगैरह में इन्वेस्टमेंट से इस छूट का फायदा नहीं मिलेगा।
- आपके पास पहले से एक से ज्यादा घर नहीं होना चाहिए।
- नई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए तीन साल की अवधि मिलती है। एक साल बिक्री से पहले और दो साल बिक्री के बाद। मान लीजिए आपने कोई प्रॉपर्टी 1 सितंबर 2024 को बेची है। तो टैक्स में छूट के लिए नई प्रॉपर्टी 1 सितंबर 2023 से लेकर 1 सितंबर 2026 के बीच खरीदी जानी चाहिए।
- नए घर या प्लॉट की कीमत 10 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
कैपिटल गेन टैक्स बचाने की जबर्दस्त तरकीब
तो सेक्शन 54 के जरिए आप लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन इसकी वजह से आपको दूसरी प्रॉपर्टी खरीदनी पड़ जाती है। लेकिन अगर आप दूसरी प्रॉपर्टी नहीं चाहते हैं तो भी आपके सामने इस कैपिटल गेन्स टैक्स को घटाने का एक रास्ता है।
इसके लिए आपको प्रॉपर्टी के दो सौदे करने होंगे। पूरी प्रक्रिया थोड़ी पेंचीदा है। लेकिन अगर लाखों का टैक्स बचाना है तो आप इस तरीके को अपना सकते हैं।
तो मान लीजिए आपने 2015 में investment के लिए कोई प्रॉपर्टी 20 लाख रुपए में खरीदी । इस प्रॉपर्टी का price 15% सालाना के औसत से बढ़ रहा है। अब आपको उसे बेचना है। फिलहाल 2024-25 में उस प्रॉपर्टी के लिए आपको ₹70,35,753 मिल रहे हैं। 15% सालाना के हिसाब से कैलकुलेट किया है तो ये value आई है।

तो आपने इसी पैसे पर अपनी प्रॉपर्टी बेच दी। इस रकम में से 20 लाख रुपए तो आपने खुद लगाया था। यानी कैपिटल गेन केवल ₹50,35,753 का हुआ। इस कैपिटल गेन पर टैक्स बनेगा ₹6,29,469 । लेकिन आपको इस पर tax नहीं देना है बल्कि 50.36 लाख रुपए के कैपिटल गेन से दूसरी प्रॉपर्टी ले लीजिए।
बाकी जो 20 लाख बच रहे हैं उसका यूज कर लीजिए। उस पर कोई tax नहीं देना होगा। अब दूसरी प्रॉपर्टी की कीमत भी 15% सालाना के हिसाब से बढ़ने लगेगी। तीन साल बाद इसकी कीमत ₹76,58,750। इसी भाव पर इसे बेच दीजिए। अब इस प्रॉपर्टी पर आपको ₹26,22,998 का कैपिटल गेन हुआ ।
इस कैपिटल गेन पर tax होगा ₹3,27,875। इस तरह से बीस लाख रुपए की प्रॉपर्टी से आपको कुल ₹76,58,750 का कैपिटल गेन हुआ लेकिन आपने tax केवल ₹3 ,27,875 भरा है। अगर इस तरीके को नहीं अपनाते तो कुल ₹9,57,344 का tax भरना होता। यानी आपको करीब साढ़े छे लाख रुपए का फायदा हो गया।
जैसे हमने आपको प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेन्स टैक्स बचाने की तरकीब बताई है उसी तरह आप गोल्ड पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को बचा सकते हैं। आपको अगर हमारी ये पोस्ट पसंद आई है तो इसे जरूर शेयर कीजिए और इस वेबसाइट पर आते रहिए।
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