अगर आपको अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा जमा करना है तो PPF स्कीम बढ़िया ऑप्शन है। अगर आपको अपने बेटे की शादी के लिए पैसे इकट्ठा करना है तो पीपीएफ Account बढ़िया रहेगा। अगर आपको अपने रिटायरमेंट के लिए बड़ी रकम चाहिए तो पीपीएफ का रास्ता अच्छा रहेगा और अगर आपको सबसे ज्यादा tax benefit देने वाला निवेश चाहिए तो फिर पीपीएफ आपके लिए है।
पीपीएफ का फुल फॉर्म है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड। इस स्कीम को भारत सरकार चलाती है । इस स्कीम का अकाउंट खोला जाता है और आप कभी भी पैसा जमा कर सकते हैं। (Scheme by government of India)
ये स्कीम लॉन्ग टर्म मकसद को पूरा करने के लिए बनाई गई है। अगर आप 15-20 साल किसी खास मकसद के लिए पैसा इकट्ठा करना चाहते हैं तो ये स्कीम आपके लिए है। (Invest for long term goals)
इसके अलावा जिन लोगों को पेंशन की सुविधा नहीं मिलती है वो लोग इस स्कीम के जरिए अपने रिटायरमेंट के लिए पैसे भी जमा कर सकते हैं। (Scheme for Retirement Savings)
ये स्कीम लॉन्ग टर्म के लिए है इसलिए कमाई शुरू होने के बाद ही इसका अकाउंट खुलवा लीजिए। फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स के लिए ये स्कीम बहुत बढ़िया है क्योंकि ये बहुत ही सेफ स्कीम है और इसका ब्याज दर भी अच्छा रहता है। (Start investing early in the life)
पीपीएफ अकाउंट कौन खोल सकता है (Who can open a PPF account?)

ये स्कीम आम जनता के लिए है। इसलिए इसमें कोई रोक-टोक नहीं होती है।
- कोई भी भारतीय नागरिक पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है। (Open for all Indian citizens)
- NRI इस अकाउंट को नहीं खोल सकते हैं। अगर कोई भारतीय नागरिक बाद में NRI बन जाता है तो उसे अकाउंट बंद कराना होगा (NRIs can’t have PPF Account)
- इस स्कीम का सिर्फ एक ही अकाउंट खुलवाया जा सकता है। (Only one account permitted)
- इस स्कीम में निवेश करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसका अकाउंट खुलवा सकते हैं। (No Age limit in this scheme)
- अगर छोटे बच्चे के नाम से अकाउंट खुलवाया जाएगा तो गार्जियन की जरूरत होगी। (Guardian required for minors)
- इस स्कीम में सिंगल अकाउंट ही खुलता है ज्वाइंट अकाउंट की इजाजत नहीं है। (No Joint Account)
- अकाउंट खुलवाने के लिए पहचान और पते का सबूत देना होगा। (KYC Documents Required for the account)
- इस स्कीम का अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। (available at banks and post offices)
PPF में निवेश के नियम (Investment Rules)
सरकार ने इस स्कीम को लॉन्ग टर्म सेविंग को ध्यान में रखते हुए बनाया है। कोशिश ये की गई है कि इसके जरिए लोगों में सेविंग की आदत बने और वो फ्यूचर में एक अच्छी रकम जमा कर लें । इसी कोशिश के तहत पीपीएफ में निवेश के नियम कुछ इस तरह बनाए गए हैं कि आप रेगुलर पैसे जमा करें और जल्दी पैसा निकाल भी ना पाएं।

- पीपीएफ अकाउंट में हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है। (minimum deposit of ₹5000/year)
- अगर किसी साल 500 रुपए भी नहीं जमा कर पाते हैं तो पेनाल्टी के साथ आगे जमा कर सकते हैं। हर छूटे साल के लिए 50 रुपए की पेनाल्टी लगेगी। (₹50 penalty if you don’t deposit minimum amount in any year)
- इस स्कीम में आप ज्यादा से ज्यादा एक साल में 1.5 लाख रुपए ही जमा कर सकते हैं। पीपीएफ को सरकार ज्यादा ब्याज और टैक्स बेनेफिट देती है इसलिए आप इसमें मनमाना निवेश नहीं कर सकते हैं। (Maximum deposit in a year – 1.5 lakh)
- पीपीएफ में आप कभी भी पैसा जमा कर सकते हैं । इसमें हर महीने पैसा जमा करना जरूरी नहीं है। (can deposit in lump-sum or installments)
- एक तय अमाउंट जमा करना जरूरी नहीं है। जब आपके पास जितना पैसा हो उतना जमा कर सकते हैं। (can deposit any amount)
- अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग का यूज करते हैं तो रेगुलर डिपॉजिट का शेड्यूल भी तय कर सकते हैं। (can schedule regular deposit through online banking)
- अकाउंट में कैश और चेक से भी पैसा जमा किया जा सकता है । (can deposit through cash or cheque)
पीपीएफ स्कीम के लिए जब हम साल की बात करते हैं तो वो फाइनेंशियल ईयर होता है। ये एक अप्रैल से शुरू होता है और अगले साल 31 मार्च को खत्म होता है। मतलब एक अप्रैल से 31 मार्च के बीच कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है।
ब्याज दर के नियम (Interest Rate Rules)
पीपीएफ सरकार की सेविंग स्कीम है। इसमें हम जो पैसा जमा करते हैं वो भी सरकार के पास ही जाता है। इसलिए इस पर ब्याज भी सरकार ही देती है।

- पीपीएफ अकाउंट चाहे बैंक में खुलवाइए या पोस्ट ऑफिस में हर जगह एक ही ब्याज दर रहेगी (same interest rate in post office and banks)
- सरकार अपने बॉन्ड यील्ड के आधार पर इस स्कीम की ब्याज दर तय करती है (interest rate is based on 10-year government bond yield)
- सरकार हर तीन महीने पर अपने सभी सेविंग स्कीम के इन्ट्रेस्ट रेट की समीक्षा करती है। उसी दौरान पीपीएफ के रेट पर भी विचार किया जाता है। यानी हर तीन महीने पर पीपीएफ का रेट चेंज हो सकता है। (Qurarterly interest rate review of the PPF scheme)
- सरकार मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर के आखिरी कार्यदिवस के दिन अगले 3 महीने की ब्याज दर की घोषणा करती है। (interest rate is announced before every quarter)
- पीपीएफ स्कीम की नई ब्याज दर अकाउंट के पूरे बैलेंस पर लागू होती है। (New Interest rate is applicable on whole account balance)
- PPF अकाउंट का ब्याज साल में एक बार 31 मार्च को दिया जाता है। (Yearly compounding)
- PPF का ब्याज भले ही साल में एक बार दिया जाता है। लेकिन हर महीने के ब्याज का अलग-अलग कैलकुलेशन होता है। (monthly interest calculation)
- हर महीने के ब्याज के गणना के लिए उस महीने की 6 तारीख से लेकर आखिरी तारीख तक जो सबसे कम बैलेंस होता है उसी के आधार पर ब्याज की गणना होती है। (interest is calculated every month on the lowest balance during 6th and last day of the month)
पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी और एक्सटेंशन (Maturity and Extension)
पीपीएफ स्कीम में कम से कम 15 साल तक निवेश करना होता है। ये स्कीम 15 साल में मैच्योर होती है और तभी आपका जमा पैसा मिल पाएगा। (PPF Account matures in 15 years)
यहां पर 15 साल से मतलब 15 फाइनेंशियल ईयर पूरे होने चाहिए । उसके बाद ही मैच्योरिटी का पैसा मिलेगा। (Lock-in period of 15 financial year) कुछ लोगों के लिए इतने लंबे वक्त का इंतजार मुश्किल होता है ऐसे लोग पोस्ट ऑफिस की 5 साल वाली स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं।
PPF स्कीम हमेशा 31 मार्च को ही मैच्योर होता है। इसलिए अगर उससे पहले भी आपके 15 साल पूरे हो गए हैं तो मैच्योरिटी की राशि के लिए 31 मार्च का इंतजार करना होगा। (you have to wait for 31st March to get Maturity amount after the 15 years)

मैच्योरिटी के बाद आपके पास तीन ऑप्शन होते हैं
- पूरा पैसा निकाल लीजिए (Full withdrawal of deposit and interest)
- बिना जमा के एक्सटेंशन (extend account without deposit)
- जमा के साथ एक्सटेंशन (Extend account with deposit)
बिना जमा के एक्सटेंशन (Passive Extension)
मैच्योरिटी के बाद एक साल के अंदर पीपीएफ अकाउंट क्लोज करा लेना होता है। अगरअकाउंट क्लोज नहीं कराएंगे तो इसे अपने आप अगले पांच साल के लिए एक्सटेंड कर दिया जाएगा। (The Account gets extended for 5 years if you don’t close account within 1 year of the maturity)
इस तरह अगर अपने आप एक्सटेंशन होता है तो आप आगे इसमें कोई पैसा नहीं जमा कर पाएंगे। (No further deposits if extension happens automatically)
इस एक्सटेंशन के दौरान आपके पास हर साल एक बार पैसा निकालने का मौका मिलेगा। आप चाहे एक मुश्त या किस्तों में पैसा निकाल सकते हैं (May withdraw balance once in a year during extension)।
आप 5-5 साल के लिए कई बार अपने पीपीएफ अकाउंट को एक्सटेंड करा सकते हैं। (You can extend account in blocks of 5 years)
जमा के साथ एक्सटेंशन (Active Extension)
अगर आप मैच्योरिटी के बाद भी पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा करना चाहते हैं तो इस वाले एक्सटेंशन को चुनना होगा। इसके लिए फॉर्म-4 को भरकर देना होगा।
इस एक्सटेंशन के लिए आपको मैच्योरिटी के एक साल के अंदर बताना होगा और डिपॉजिट भी करना होगा। (You have to choose this type of extension within one year of the maturity)
एक्सटेंशन 5 साल के लिए होगा और एक बार फिर आपका अकाउंट 5 साल बाद मैच्योर होगा। उस समय फिर आपके पास 3 ऑप्शन होंगे। (At the time of maturity again you would have 3 options)
एक्सटेंशन के दौरान हर साल कम से कम ₹500 जमा करना जरूरी है। (minimum ₹500/year deposit mandatory during the extension)
इस दौरान आप जरूरत होने पर वक्त से पहले कुछ पैसा निकाल सकते हैं (Partial withdrawal facility during this type of extension)
PPF अकाउंट से कर्ज ( Loan facility)
पीपीएफ अकाउंट में 15 साल का लॉक-इन जरूर है लेकिन जरूरत पड़ने पर पैसे का जुगाड़ भी हो जाएगा। इस अकाउंट से आप लोन भी ले सकते हैं।
- लोन लेने के लिए आपको कम से कम एक फाइनेंशियल ईयर पूरे होने का इंतजार करना होगा। (Can avail loan after the completion of one financial year)
- पीपीएफ से लोन की सुविधा 5 फाइनेंशियल ईयर पूरे होने तक होती है। इसके बाद कुछ पैसा निकालने की सहूलियत मिल जाती है। (Loan facility upto completion of 5 financial year)
- लोन की रकम तय करने के लिए पीछे चलना होगा। पीछे चलते हुए 31 मार्च की तारीख पड़ेगी। उसे छोड़ देना है । उसके एक साल और पीछे फिर से 31 मार्च की तारीख होगी। उस तारीख को पीपीएफ अकाउंट में जो बैलेंस होगा उसी से लोन का अमाउंट तय होगा। उस दिन जो बैलेंस होगा उसके 25% तक की रकम का लोन लिया जा सकता है। (Loan amount not exceeding 25% of the amount that stood to the credit at the end of the second year immediately preceding the year in which the loan is applied for.)
- पीपीएफ से लिए कर्ज को चुकाने के लिए तीन साल मिलते हैं। इस दौरान आप या तो किस्तों में पैसा चुका दें या फिर एकमुश्त भी पेमेंट कर सकते हैं। (You get 36 months to repay loan amount either in lump-sum or in installments)
- जितना लोन लिया था उसको चुकाने के बाद ब्याज देना होता है। आपने जैसे-जैसे लोन का पैसा भरा होगा उसी हिसाब से ब्याज की गणना होगा। (interest is calculated after the full repayment of the principal amount)
- पीपीएफ के इस लोन पर 1% की दर से ब्याज लिया जाता है । लेकिन अगर 36 महीने में लोन नहीं भरते हैं तो फिर 6% के हिसाब से ब्याज चार्ज किया जाएगा (The interest rate on the loan amount would be 1% per annum but if there is delay, the rate would be 6%)
- ब्याज को चुकाने के लिए दो महीने का वक्त होता है। अगर उस दौरान ब्याज नहीं चुका पाते हैं तो पीपीएफ अकाउंट से उसे काट लिया जाएगा। (you get 2 months to pay the interest amount)
दोस्तों इस बात का ख्याल रखिएगा कि हम जितना पैसा लोन लेते हैं उतना पैसा पीपीएफ अकाउंट से घट जाता है। यानी उतने पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। इस तरह से लोन का इन्ट्रेस्ट रेट पीपीएफ के रेट से 1% ज्यादा होता है
आंशिक निकासी ( Partial withdrawals)
पीपीएफ अकाउंट से आंशिक निकासी की भी सुविधा है। मतलब जरूरत होने पर इसका कुछ पैसा निकाल सकते हैं।

- इसके अकाउंट से आंशिक निकासी की सुविधा लोन की सुविधा खत्म होने के बाद मिलती है। यानी 5 फाइनेंशियल पूरे होने के बाद आप इस अकाउंट से कुछ पैसे निकाल सकते हैं। (partial withdrawal facility after the completion of 5 financial year)
- आंशिक निकासी के लिए भी एक लिमिट है। और ये लिमिट काफी सख्त है। इसके लिए 4 फाइनेंशियल ईयर पहले 31 मार्च को अकाउंट में जो बैलेंस होगा उसकी 50% रकम तक पैसा निकाला जा सकता है। ( partial withdrawal from the balance to his credit, an amount not exceeding fifty per cent. of the amount that stood to his credit at the end of the fourth year immediately preceding the year of withdrawal or at the end of the preceding year, whichever is lower )
- आंशिक निकासी की ये सुविधा साल में एक बार के लिए ही मिलेगी। (partial withdrawal facility available only once a year)
- ये भी ध्यान रखिए कि आंशिक निकासी से पहले अगर लोन लिया है तो उसका पूरा पैसा जमा हो जाना चाहिए। (loan should be fully paid before availing the withdrawal)
- पीपीएफ अकाउंट के एक्सटेंशन के दौरान 60% तक रकम निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए मैच्योरिटी के दौरान जो बैलेंस रहा होगा उसे देखा जाएगा। (Can avail partial withdrawl of upto 60% during the extension)
वक्त से पहले खाता कैसे बंद कराएं (Premature Closure of PPF Account)
पीपीएफ अकाउंट को अब वक्त से पहले बंद कराने की भी सुविधा दे दी गई है। ऐसे में खाता बंद करके पूरा पैसा और ब्याज दे दिया जाता है।
अब 4 स्थितियों में पीपीएफ अकाउंट बंद कराया जा सकता है।
1. खाता धारक की मृत्यु पर (after death of accountholder)
- इस स्थिति में खाता को तुरंत बंद करके पूरा अकाउंट बैलेंस और ब्याज नॉमिनी को दे दिया जाता है। (Immediate closure of the account)
- ऐसी स्थिति में ये नहीं देखा जाता है कि खाता कितना पुराना है । (No lock-in)
- किसी तरह की कोई पेनाल्टी भी नहीं लगती है। (no penalty)
2. भारत का नागरिक नहीं रहने पर (After Becoming NRI)
- इसके लिए खाता कम से कम 5 फाइनेंशियल ईयर पुराना होना चाहिए (account should be at least 5 years old)
- इस दौरान जो-जो इन्ट्रेस्ट रेट रहा होगा उसे 1 % कम करके फिर से पूरे ब्याज की गणना होगी (Interest rate would be reduced by 1% during the whole tenure of the account)
- अगर एक्सटेंशन के दौरान अकाउंट बंद कराते हैं तो घटा हुआ interest रेट एक्सटेंशन की तारीख से लागू होगा।
3. इलाज के लिए (For Education and Illness)
- अकाउंट कम से कम 5 साल पुराना होना चाहिए (Account must have completed 5 financial year)
- जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए खाता बंद करा सकते हैं (For the treatment of life threatening disease)
- स्वंय, जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के इलाज के लिए बंद करा सकते हैं (for the treatment of self, spouse, dependent children or parents)
- इलाज का सबूत देना होगा (must produce documents of treatment)
- ब्याज की दर को 1% घटा कर गणना की जाएगी (1% reduced interest rate)
4. उच्चा शिक्षा के लिए (For Higher Education)
- उच्च शिक्षा के खर्च के लिए अकाउंट बंद कर सकते हैं (For higher education)
- अपने और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए (For self and children’s education)
- देश या विदेश में मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान में पढ़ाई होनी चाहिए (higher education in recognized institution)
- एडमिशन का कागजात और फी स्लिप दिखानी होगी (must produce Fee slip)
- ब्याज की दर को 1% घटा कर गणना की जाएगी (1% reduced interest rate)
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड से फायदा (Benefits of PPF Scheme)
पीपीएफ स्कीम अपने फायदों की वजह से बहुत पापुलर रही है। इस स्कीम का ना कोई एजेंट होता है ना ही विज्ञापन किया जाता है। यहां तक कि बैंक कर्मचारी इस स्कीम को लेकर उत्साह नहीं दिखाते हैं। फिर भी करोड़ों लोग इस स्कीम में पैसे लगाते हैं। आइए इसके फायदों को समझते हैं।
- PPF लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है। इससे आप अपने रिटायरमेंट के लिए बेहतरीन पूंजी तैयार कर सकते हैं। (A very good scheme for retirement saving)
- पीपीएफ स्कीम में उम्र की कोई लिमिट नहीं होती है। यानी इस अकाउंट को कभी बंद कराने की जरूरत नहीं है। इसका फायदा हमेशा ले सकते हैं। (can continue forever)
- सरकार इस स्कीम को चलाती है इसलिए पैसा डूबने की गुंजाइश नहीं होती है। इन्वेस्टमेंट पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। (No risk of default)
- इस स्कीम से टैक्स की चौतरफा बचत होती है। टैक्स बचत के बारे में हम आगे बताएंगे। (all round tax benefit)
टैक्स में फायदा ( Tax Benefit from PPF)
पीपीएफ अकाउंट ज्यादातर जनवरी और फरवरी में खोले जाते हैं। क्योंकि इसी वक्त टैक्स सेविंग का सबसे ज्यादा जोर रहता है। इस स्कीम से टैक्स में कई तरह के फायदे होते हैं।

1. निवेश पर टैक्स छूट (Tax Deduction on Investment)
पीपीएफ स्कीम में निवेश करने के बदले टैक्स में छूट मिलती है। इस स्कीम में आप जितना पैसा लगाते हैं उतना पैसा आपकी टैक्सेबल इनकम से घटा दिया जाता है। इस तरह से पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा करके आप अपनी टैक्स देनदारी को घटा सकते हैं। (It gives tax deduction benefit in lieu of the invested amount)
पीपीएफ में निवेश के बदले टैक्स छूट सेक्शन 80C के तहत दी जाती है। इस सेक्शन में पीपीएफ के अलावा, ईपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस, NSC, बच्चों की ट्यूशन फीस जैसे कई तरह के निवेश और खर्चे शामिल हैं। इस सेक्शन के तहत आप ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट ले सकते हैं। (tax deduction under section 80C. Maximum limit of investment u/s 80 is 1.5 lakh)
2. ब्याज पर कोई टैक्स नहीं (Tax-Free Interest Income)
जब हम बैंक में एफडी करते हैं या सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करते हैं तो उससे मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। ब्याज से होने वाली इनकम को अदर इनकम मानकर टैक्स लगाया जाता है। ब्याज पर ये टैक्स हर साल लगाया जाता है भले ही आपको ब्याज मैच्योरिटी पर ही मिले। (The interest income of PPF is not taxable every year)
लेकिन पीपीएफ स्कीम में पैसा जमा करने पर जो ब्याज मिलता है उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। यानी हर साल जो आपके खाते में ब्याज जुड़ेगा उस पर टैक्स को लेकर कोई चिंता नहीं करनी है। (Tax-Free Income)
3. मैच्योरिटी पर भी टैक्स नहीं (Tax-Free Maturity)
पीपीएफ स्कीम जब मैच्योर होती है तो आपका कुल जमा और ब्याज मिल जाता है। लेकिन इस वक्त भी जो पैसा मिलेगा उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है । (Maturity amount fully tax-free )
मैच्योरिटी अमाउंट चाहे जितना बड़ा हो उस पर टैक्स छूट होती है। इसे Exempted Income माना जाता है।
तो दोस्तों आपने देखा पीपीएफ स्कीम में तीन बार टैक्स बेनेफिट मिलता है। इसीलिए इसे EEE (Exempt-Exempt-Exempt) स्कीम कहा जाता है।
अकाउंट कैसे खोलें (How to Open PPF Account)
सरकार अपनी सभी सेविंग स्कीम को पोस्ट ऑफिस के जरिए चलाती है। लेकिन कुछ स्कीम में निवेश बैंकों के जरिए भी हो सकता है। पीपीएफ ऐसी ही एक स्कीम है। इसके अलावा सीनियर सिटजन सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि स्कीम का अकाउंट भी बैंक में खुल जाता है।
- जिन पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खोला जाता है उन सभी पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ स्कीम का अकाउंट भी खुल सकता है। (can open PPF account in the post offices which gives financial services)
- लगभग सभी सरकारी बैकों में पीपीएफ स्कीम खुल जाता है। इसके अलावा बडे़ प्राइवेट बैंक भी पीपीएफ अकाउंट खोलते हैं। आप बैंक के वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं कि पीपीएफ अकाउंट की सुविधा है कि नहीं। (All scheduled commercial banks open PPF account)
- कोऑपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक और स्माल फाइनेंस बैंक में ये अकाउंट नहीं खोला जा सकता है। (Coperative and regional banks don’t open this account)
- इस अकाउंट को खोलने के लिए KYC के नियमों का पालन करना होगा। यानी अपनी पहचान और पते का सबूत देना होगा। इसके अलावा पासपोर्ट साइज फोटो और पैन कार्ड की कॉपी भी देनी होगी। (submit the address and identity proof)
- पहचान और पते के सबूत के तौर पर आधार कार्ड की कॉपी का यूज कर सकते हैं। (Aadhaar card details is mandatory for opening the account)
- अकाउंट खोलने के लिए कम से कम 250 रुपए जमा करना होगा। अकाउंट खुलने के बाद आपको एक पासबुक भी मिलेगी। (Minimum deposit for account opening is ₹250)
नॉमिनेशन की सुविधा (Nomination Facility)
PPF अकाउंट खोलते समय आपको नॉमिनेशन का फॉर्म भी मिलेगा। इस फॉर्म के जरिए बताना होता है कि अकाउंट होल्डर की मृत्यु के बाद पीपीएफ स्कीम का पैसा किसे मिले। (you have to fill the nomination form along with the application)
झंझट और विवाद से बचने के लिए जरूरी है कि नॉमिनेशन कर दिया जाए। अगर अवयस्क बच्चे के नाम से नॉमिनेशन करते हैं तो गार्जियन का डिटेल भी देना होगा। आप बाद में नॉमिनेशन बदल भी सकते हैं।
पीपीएफ की तुलना (PPF Comparison)
पीपीएफ में निवेश लॉन्ग टर्म सेविंग और टैक्स बेनेफिट के लिए किया जाता है । आइए इसका ऐसी ही दूसरी स्कीम से तुलना करके देखते हैं। इससे आप अपने लिए अच्छी स्कीम चुन सकते हैं।
Particulars | PPF | NPS | Tax Saving FD |
---|---|---|---|
Default Risk | Minimum | Somewhat | Slightly |
Return | 7.1% | 7-12% | 6.5 -7.5% |
Tenure | 15 Years | Till age of 60 | 5 Years |
Tax Deduction | Available | Available | Available |
Tax on Interest | No | No | Yes |
Tax on Maturity | No | On pension | No |
Early Withdrawal | after 5 years | Not possible | Not Possible |
Partial withdrawal | after 5 years | under some conditions | Not Possible |
पीपीएफ से ज्यादा फायदा कैसे उठाएं (Tips of PPF Scheme)
वैसे तो पीपीएफ स्कीम बड़े काम की है लेकिन अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो इससे आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल जाएगा।
- पीपीएफ अकाउंट को जितनी जल्दी हो खुलवा लें। साल भर में केवल 500 रुपए जमा करना जरूरी है इसलिए देरी ना करें। अकाउंट जल्दी खुलवा लेने से 15 साल के लॉक-इन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। उसके बाद केवल 5 साल का लॉक-इन ही होता है। (Open PPF account early in the life. After 15 years the lock-in would be only for 5 years)
- मैच्योरिटी के बाद भी इस अकाउंट को चालू रखें। इससे आप ऊंची ब्याज दर का फायदा हमेशा ले सकते हैं। मैच्योरिटी के बाद पैसे निकालना आसान हो जाता है। (Keep this acount active even after the maturity)
- अपने बच्चों के नाम पीपीएफ अकाउंट खुलवा दें। जब तक वो बड़े होंगे उनका अपना पीपीएफ अकाउंट होगा और अगर 15 साल पूरे हो गए होंगे तो केवल 5 साल की लॉक-इन में इससे टैक्स सेविंग का फायदा ले सकेंगे। (Open PPF account for your child. It would benefit them in long term)
- पीपीएफ में रेगुलर ऑनलाइन डिपॉजिट का इंतजाम कर दें। इससे धीरे-धीरे बड़ा अमाउंट जमा हो जाएगा। इसमें हर महीने 12,500 रुपए जमा करके आप 30 साल में एक करोड़ 60 लाख रुपए जमा कर सकते हैं। (Early and regular deposit would accumulate a big amount)
- पीपीएफ में हर महीने 5 तारीख से पहले पैसा जमा करें। इससे आपको एक महीने का एक्स्ट्रा ब्याज मिल जाएगा। (deposit amount upto 5th of a month, it would give you extra interest of one month)
PPF की ब्याज दर कैसे घटती गई (The Decline of PPF Interest rate)
PPF स्कीम को 1968 में शुरू किया गया था। उस दौरान इसकी ब्याज दर काफी कम हुआ करती थी। लेकिन 80 और 90 के दशक में पीपीएफ से शानदार इन्ट्रेस्ट मिलता था। लेकिन पिछले कुछ सालों से इसकी दरें एक बार फिर से कम हो गई हैं।
Year | Rate of interest (p.a.) |
1968-69 | 4.8% |
1969-70 | 4.8% |
1970-71 | 5% |
1971-72 | 5% |
1972-73 | 5% |
1973-74 | 5.3% |
From 1.4.1974 to 31.7.1974 | 5.8% |
From 1.8.1974 to 31.3.1975 | 7% |
1975-76 | 7% |
1976-77 | 7% |
1977-78 | 7.5% |
1978-79 | 7.5% |
1979-80 | 7.5% |
1980-81 | 8% |
1981-82 | 8.5% |
1982-83 | 8.5% |
1983-84 | 9% |
1984-85 | 9.5% |
1985-86 | 10% |
From 1.4.1986 to 31.3.1999 | 12% |
From 1.4.1999 to 14.1.2000 | 12% |
From 15.1.2000 to 28.2.2001 | 11% |
From 1.3.2001 to 28.2.2002 | 9.5% |
From 1.3.2002 to 28.2.2003 | 9% |
From 1.3.2003 to 30.11.2011 | 8% |
From 1.12.2011 to 31.3.2012 | 8.6% |
From 1.4.2012 to 31.3.2013 | 8.8% |
From 1.4.2013 to 31.3.2016 | 8.7% |
From 01.04.2016 to 30.09.2016 | 8.1% |
From From 1.10.2016 to 31.03.2017 | 8.0% |
From 01.04.2017 to 30.06.2017 | 7.9% |
From 01.07.2017 to 31.12.2017 | 7.8% |
From 01.01.2018 to 30.09.2018 | 7.6% |
From 01.10.2018 to 30.06.2019 | 8.0% |
From 01.07.2019 to 31.03.2020 | 7.9% |
From 01.04.2020 onwards | 7.1% |
PPF अकाउंट से जुड़े सवाल (FAQ)
पीपीएफ अकाउंट में क्या हर महीने पैसा जमा करना जरूरी है
पीपीएफ अकाउंट में हर महीने पैसा जमा करना जरूरी नहीं है। बस साल में एक बार कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है
क्या हम पीपीएफ अकाउंट में साल भर में 1.5 लाख से ज्यादा पैसे जमा कर सकते हैं
नहीं, इस अकाउंट में साल भर में ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए ही जमा कर सकते हैं।
अगर किसी साल पैसा नहीं जमा करते हैं तो क्या होगा
अगर किसी साल आप 500 रुपए भी नही जमा करते हैं तो अकाउंट सस्पेंड (discontinue) कर दिया जाएगा। अकाउंट तभी एक्टिवेट किया जाएगा जब आप छूटे हुआ साल का कम से कम 500 रुपए और हर छूटे साल के लिए 50 रुपए पेनाल्टी भर देंगे।
अकाउंट सस्पेंड रहने से क्या नुकसान होगा
अगर अकाउंट सस्पेंड रहता है तो आगे कोई डिपॉजिट नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा पैसा ना तो लोन ले पाएंगे ना आगे कभी पैसा निकाल पाएंगे। हालांकि इस दौरान अकाउंट में जमा पैसे पर पहले की तरह ब्याज मिलता रहेगा।
पीपीएफ के कितने अकाउंट खुलवा सकते हैं
पीपीएफ का सिर्फ एक अकाउंट खुलवा सकते हैं।
अगर एक से ज्यादा अकाउंट खुलवा लिया तो क्या होगा
पहले तो दूसरा अकाउंट खुलेगा ही नहीं अगर खुल भी गया तो पता चलने पर सबसे पुराने अकाउंट को छोड़कर बाकी सभी अकाउंट बंद करके बिना ब्याज दिए पैसा लौटा दिया जाएगा।
अगर पीपीएफ अकाउंट में किसी साल 1.5 लाख रुपए से ज्यादा पैसा जमा कर दिया तो क्या होगा
ऐसे में अतरिक्त अमाउंट को आपके सेविंग अकाउंट में लौटा दिया जाएगा। और अगर वो अकाउंट में रहता भी है तो उस पर कोई ब्याज नहीं िदया जाएगा।
पीपीएफ में हर महीने पैसे जमा करने पर ज्यादा फायदा है या साल में एक बार पैसा जमा करने पर
अकाउंट में जब पैसा जमा करेंगे उस पर ब्याज मिलना शुरू हो जाएगा। हर महीने के लिए ब्याज का कैलकुलेशन होता है। इसलिए जितना जल्दी और जितना ज्यादा पैसा जमा करेंगे उतना फायदा होता है।
बेहतर ये है कि आपके पास जब जितना पैसा आए जमा कर दीजिए। ना मंथली पेमेंट के लिए इंतजार कीजिए और ना ही एकमुश्त पैसा जमा करने के लिए ।
क्या अपने और बच्चों के नाम पर अलग-अलग 1.5 लाख रुपए हर महीने डाल सकते हैं
चूंकि बच्चों के अकाउंट में पैसे आपके पास से ही जाएंगे इसलिए आप ऐसा नहीं कर सकते हैं. अपने और बच्चों के अकाउंट में कुल 1.5 लाख रुपए जमा कर सकते हैं।
क्या पति या पत्नी के अकाउंट में अलग से 1.5 लाख रुपए जमा कर सकते हैं
पत्नी या पत्नी का अकाउंट आपसे जुड़ा नहीं माना जाता है और उसमें आप अलग से 1.5 लाख रुपए जमा कर सकते हैं।
क्या बच्चों के अकाउंट में जमा पैसे पर भी टैक्स छूट मिलेगी
जी हां बच्चों के पीपीएफ अकाउंट में जमा पैसे पर भी टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलेगा।