इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए फॉर्म-16 की जरूरत होती है। और उसी समय आप इसका PDF डाउनलोड करना चाहते हैं। इस फॉर्म में आपकी कमाई और टैक्स पेमेंट की पूरी जानकारी होती है। इसके अलावा ये दर्ज होता है कि आपने टैक्स सेविंग के लिए कहां-कहां इन्वेस्ट किया है।
फॉर्म-16 में जो भी डिटेल पड़ी होती है उसे आपका Employer भरता है। Employer सभी डिटेल को इनकम टैक्स के पोर्टल पर अपलोड करता है। उसके बाद वो अपने हर Employee का फॉर्म-16 डाउनलोड करके अपने सभी कर्मचारियों को देता है।
कैसे प्राप्त करें या डाउनलोड करें?
फॉर्म 16 आपको, आपकी कंपनी की ओर से मिला करता है। अगर आपकी सैलरी से TDS कटा है तो आप कंपनी से उसका सर्टिफिकेट मांग सकते हैं। वही सर्टिफिकेट फॉर्म 16 होता है।
चूंकि इस फॉर्म में पूरे वित्त वर्ष की कमाई और टैक्स का हिसाब होता है इसलिए ये वित्त वर्ष पूरा होने के बाद ही मिलता है। हर कंपनी को वित्त वर्ष पूरा होने के बाद 31 MAY तक ये सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है।
जिस वित्त वर्ष में आपको सैलरी मिली है, उसके ठीक बाद वाले वित्तवर्ष की पहली तिमाही में आप इसे प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसी साल के दौरान आपको दो या दो से अधिक कंपनियों से सैलरी मिली है, तो हर कंपनी की ओर से अलग-अलग Form 16 जारी किया जाना चाहिए।
ध्यान रखिए ये फॉर्म आपको वित्त वर्ष पूरा होने के बाद ही मिलेगा भले ही आपने नौकरी बहुत पहले ही छोड़ दी हो। इसलिए आपको पुरानी कंपनी से फॉर्म-16 लेने के लिए याद रखना होगा।
- फॉर्म-16 का PDF डाउनलोड करें
- फॉर्म 16A का PDF डाउनलोड करें
फॉर्म-16 में कौन-कौन सी जानकारी होती है
Form 16 में दर्ज डिटेल्स दो हिस्सों में बंटे होते हैं-
पार्ट A मेंं मौजूद विवरण
फॉर्म-16 की शुरुआत पार्ट A से होती है। इस पार्ट में Employer और Employee की बेसिक डिटेल होती हैं।
- सर्टिफिकेट का नंबर
- कंपनी का नाम, पता, पैन नंबर, टैन नंबर
- कर्मचारी का नाम, पता, पैन नंबर
- असेसमेंट ईयर संख्या
- काटे गए और जमा किए गए TDS का ब्योरा (जमा की मात्रा, तारीख, चालान संख्या वगैरह)
- TDS काटने वाले अधिकारी का नाम, पद, हस्ताक्षर
- फॉर्म 16 जारी करने की तारीख और स्थान
पार्ट B में मौजूद विवरण
इस हिस्से में कर्मचारी की कमाई, और टैक्स संबधी तमाम डिटेल्स होते हैं। जैसे कि-
- सैलरी, भत्ते, अन्य स्रोतोंं से कमाई, टैक्स छूट वाले निवेश के डिटेल्स
- सेक्शन16 के तहत आने सभी तरह के डिडक्शन्स (HRA, Pension, Gratuity वगैरह)
- सेक्शन 80C के तहत आने वाले सभी डिडक्शन्स (EPF, PPF, life insurance, ElSS)
- 80D, 80E, 80G, 80U, 80TTA वगैरह के तहत आने वाले सभी टैक्स डिडक्शन्स
- कमाई के सभी स्रोतों से हुई टोटल आमदनी और टोटल चुकाया गया टैक्स
- स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेस, रिबेट, सरचार्ज
फॉर्म 16 क्यों बनाया जाता है
सरकार ने टैक्स काटने की जिम्मेदारी उन लोगों को दे दी है जो आपको सैलरी देते है। मतलब आपका employer ही आपकी सैलरी से टैक्स काट लेता है। इसी तरह बैंक आपके ब्याज से भी टैक्स काट लेता है।
टैक्स काटने वाले इन लोगों की ये जिम्मेदारी होती है कि ये पैसा सरकार के खाते में जमा कर दें। और जमा करते समय ये भी बताएं कि किस आदमी से कितना टैक्स काटा गया है। जो भी लोग टैक्स काटते हैं उनको हर टैक्सपेयर के पैन नंबर के साथ उसका टैक्स जमा करना होता है
मतलब कंपनी आपकी सैलरी से हर महीने जो टीडीएस काटती है उसे सरकार के पास जमा करती है और साथ में आपका पैन नंबर भी बताती है। इतना ही नहीं कंपनी को ये भी बताना होता है कि टैक्स काटने के पीछे उसका हिसाब क्या था।
मतलब हर Employer अपने Employee की सैलरी , other income, Exemptions और Deductions के बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताता है। यही सब डिटेल फॉर्म-16 में दर्ज होता है। इसके साथ ही TDS काटने वाले का भी PAN नंबर और TAN नंबर दर्ज रहता है। टीडीएस काटने वाले का नाम, पद, हस्ताक्षर वगैरह भी दर्ज रहते हैं।
फॉर्म 16 की जरूरत कब और क्यों पड़ती है?
इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको फॉर्म 16 की जरूरत पड़ सकती है। फॉर्म 16 में दर्ज डिटेल्स से आप जान सकते हैं कि आप अब तक कुल कितना टैक्स दे चुके हैं और कितना टैक्स चुकाने को बाकी है। बकाया टैक्स को आप Self Assessment Tax के रूप में जमा कर सकते हैं।
यह इस बात का भी प्रमाण होता है कि आपके नियोक्ता ने TDS के रूप में उतना पैसा काटकर सरकार के पास जमा कर दिया है। Loan और Visa संबंधी मामलों में इसे Income Proof और टैक्स भुगतान के प्रमाण के रूप में भी स्वीकार किया जाता है।
कंपनियां उन्हीं कर्मचारियों को फॉर्म देती हैं, जिनकी सैलरी Tax काटने लायक होती है। जिनकी सैलरी टैक्स काटने लायक नहीं होती, उनको सामान्यत: ये फॉर्म नहीं दिया जाता।
फॉर्म 16A और फॉर्म 16B क्या होते हैं
फॉर्म-16 के अलावा form-16A और form 16B भी होते हैं। फॉर्म 16A को सैलरी के अलावा, अन्य प्रकार की आमदनी देने वाला व्यक्ति या संस्था TDS काटने पर जारी करता है। जैसे कि ब्याज, किराया, पुरस्कार वगैरह का भुगतान करने पर अगर TDS काटा गया है तो उसका सर्टिफिकेट फॉर्म 16 A के रूप में जारी किया जाता है।
फॉर्म 16 A: आपके बैंक अकाउंट पर 40 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज मिलती है तो बैंक इस पर TDS काट सकता है। अगर आपने बैंक में फॉर्म 15 G जमा नहीं किया है तो इतनी ब्याज मिलने पर TDS जरूर कटेगा। बैंक जब TDS काटेगा तो फिर फॉर्म 16 A के रूप में, टीडीएस सर्टिफिकेट भी देगा। इसी तरह, एक निर्धारित रकम से ऊपर का किराया, कमीशन, इनाम वगैरह मिलने पर भी टीडीएस कटेगा और उसके लिए आपको फॉर्म 16 A भी भरकर दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट में भी आपके नाम और पता के साथ-साथ टीडीएस काटने वाले का नाम-पता दर्ज रहता है।
फॉर्म 16 B : खेती की जमीन के अलावा, किसी तरह की अचल संपत्ति (immovable Property) के सौदे पर, जो TDS काटा जाता है, उसके लिए टीडीएस सर्टिफिकेट, फॉर्म 16 B के रूप में जारी किया जाता है। ऐसी अचल संपत्ति में जमीन, दुकान, बिल्डिंग, प्लॉट वगैरह माने जाते हैं, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं हटाया जा सकता। जो व्यक्ति ऐसी प्रॉपर्टी खरीदता है, उसे उसका भुगतान TDS काटकर देना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को TAN नंबर की बजाय सिर्फ अपना PAN नंबर दर्ज करना पड़ता है।
फॉर्म 16 न मिल पाए तो क्या करें?
अगर किसी कारणवश आपको फॉर्म 16 नहीं मिल पा रहा है तो भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में देरी न करें। रिटर्न में देरी करने पर पेनाल्टी देनी होगी। और, अगर आपने कुछ ज्यादा टैक्स भरा है तो उसका टैक्स रिफंड भी नहीं ले सकेंगे।
आपकी सैलरी पर जो TDS काटा गया है, उसके डिटेल्स आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर Form 26AS में ऑनलाइन भी मिल जाते हैं। जैसे कि, नियोक्ता का नाम, पता, पैन नंबर, टैन नंबर वगैरह। आमदनी के अन्य स्रोतों से काटकर जमा किए टैक्सों के भी डिटेल इसमें दर्ज रहते हैं। सैलरी के डिटेल्स (salary break-ups) के लिए आप अपनी सैलरी स्लिप्स देख सकते हैं। अन्य टैक्स छूट वाले निवेशों के डिटेल्स, उनकी रसीदों में मिल जाएंगे।
तो दोस्तों ये थी फॉर्म 16 और फॉर्म 16 A के बारे में जरूरी जानकारी। ऐसे ही और उपयोगी लेखों के लिए आप इस वेबसाइट से जुड़े रहें। लेटेस्ट अपडेट के लिए हमें Whatsapp पर जरूर फॉलो करें। नीचे आपको उसका लिंक मिल जाएगा।