आप कहीं नौकरी नहीं भी करते हैं तो भी सरकारी स्कीमों की मदद से अपने लिए पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस मेंं भी इन स्कीमों में रजिस्ट्रेशन या पेंशन अकाउंट खुलवाने की सुविधा है। इस लेख में हम जानेंगे कि पोस्ट ऑफिस से पेंशन प्लान की योजनाएं कौन-कौन सी हैं? इनमें अकाउंट कैसे खुलता है और रिटायरमेंट के बाद कितना पैसा मिलता है?
पोस्ट ऑफिस में पेंशन प्लान | Pensions Plans available in Post Office
पोस्ट ऑफिस से पेंशन प्लान लेने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं-
- अटल पेंशन योजना (APS)
- नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
अटल पेंशन योजना (APS) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), दोनों सरकारी पेंशन स्कीमें हैं, लेकिन दोनों को अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए बनाया गया है। दोनों में पैसा जमा करने का तरीका भी अलग है और दोनों से पेंशन भी अलग-अलग तरीके से मिलती है।
APS या अटल पेंशन योजना में आपको, पहले से निर्धारित मात्रा में पेंशन मिलती है। आप अपनी जमा क्षमता के हिसाब से 1000 से 5000 रुपए तक निश्चित पेंशन पाने का विकल्प चुन सकते हैं। जितनी ज्यादा पेंशन आप चाहते हैं, उसी के हिसाब से आपकी जमा की किस्तें भी बनती हैं। इसे सिर्फ भारतीय नागरिक ले सकते हैं।
NPS या नेशनल पेंशन स्कीम में आपको मार्केट से लिंक रिटर्न के हिसाब से पेंशन मिलती है। यह निवेश (Investment) आधारित होती है, इसलिए financial market में उतार-चढ़ाव के हिसाब से आपकी पेंशन कम-ज्यादा भी हो सकती है। इसे कोई भी देशी या विदेशी नागरिक ले सकता है।
नीचे हम दोनों योजनाओं के बारे में अलग-अलग विस्तार से जानकारी दे रहे हैं-
अटल पेंशन योजना (APY) क्या है? कैसे काम करती है?
कम आमदनी वाले ऐसे लोग, जो किसी कंपनी या संस्थान में काम नहीं करते हैं, उनके लिए सरकार ने अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) चला रखी है। इसकी मदद से आप अपने बुढ़ापे के लिए हर महीने 1000, 2000, 3000, 4000 या 5000 रुपए पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद आपको ये पेंशन मिलने लगती है।
ये पेंशन आपको पोस्ट ऑफिस अकाउंट या बैंक अकाउंट के माध्यम से मिलता है। ऐसे अकाउंट के माध्यम से आपका पैसा भारत सरकार के पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (PFRAI) के पास जमा होता है। यही संस्था आपकी जमा के हिसाब से, आपके लिए पेंशन का इंतजाम करती है। 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर आपको पेंशन मिलने लगती है।
इस पेंशन को प्राप्त करने के लिए, आपको अटल पेंशन योजना अकाउंट में 60 वर्ष की उम्र तक निर्धारित किस्तें जमा करनी पड़ती हैं। जितना ज्यादा पैसा आप जमा करेंगे, उसी के हिसाब से आपको पेंशन भी कम-ज्यादा मिलेगी। आप जितनी कम उम्र में इसमें रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, उतनी कम रकम की किस्त आपको हर महीने जमा करनी पड़ती है।
किस उम्र में रजिस्ट्रेशन कराने पर हर महीने कितना पैसा जमा करना पड़ेगा, नीचे दी गई तालिका में इसे देख सकते हैं-
1000 या 2000 रुपए महीना पेंशन पाने के लिए, कितना पैसा जमा करना पड़ेगा?
इस स्कीम में पहले आपको ये डिसाइड करना होता है कि आप रिटायरमेंट पर कितनी पेंशन चाहते हैं। उसी के हिसाब से डिपॉजिट की जाने वाली रकम पता चलेगी। उम्र के हिसाब से ये रकम अलग-अलग होती है। नीचे टेबल में इसका पूरा डिटेल है। आप उम्र के हिसाब से मासिक डिपॉजिट की रकम चेक कर सकते हैं।
उम्र | पेंशन- ₹1,000 | पेंशन- ₹2,000 |
---|---|---|
18 | 42 | 84 |
19 | 46 | 92 |
20 | 50 | 100 |
21 | 54 | 108 |
22 | 59 | 117 |
23 | 64 | 127 |
24 | 70 | 139 |
25 | 76 | 151 |
26 | 82 | 164 |
27 | 90 | 178 |
28 | 97 | 194 |
29 | 106 | 212 |
30 | 116 | 231 |
31 | 126 | 252 |
32 | 138 | 276 |
33 | 151 | 302 |
34 | 165 | 330 |
35 | 181 | 362 |
36 | 198 | 396 |
37 | 218 | 436 |
38 | 240 | 480 |
39 | 264 | 528 |
40 | 291 | 582 |
3000, 4000 या 5000 रुपए महीना पेंशन पाने के लिए कितना जमा करना पड़ेगा?
उम्र | ₹3,000 | ₹4,000 | ₹5,000 |
---|---|---|---|
18 | 126 | 168 | 210 |
19 | 138 | 183 | 228 |
20 | 150 | 198 | 248 |
21 | 162 | 215 | 269 |
22 | 177 | 234 | 292 |
23 | 192 | 254 | 318 |
24 | 208 | 277 | 346 |
25 | 226 | 301 | 376 |
26 | 246 | 327 | 409 |
27 | 268 | 356 | 446 |
28 | 292 | 388 | 485 |
29 | 318 | 423 | 529 |
30 | 347 | 462 | 577 |
31 | 379 | 504 | 630 |
32 | 414 | 551 | 689 |
33 | 453 | 602 | 752 |
34 | 495 | 659 | 824 |
35 | 543 | 722 | 902 |
36 | 594 | 792 | 990 |
37 | 654 | 870 | 1087 |
38 | 720 | 957 | 1196 |
39 | 792 | 1054 | 1318 |
40 | 873 | 1164 | 1454 |
अगर आपको इस टेबल से समझने में दिक्कत हो रही है तो आप हमारे अटल पेंशन योजना कैलकुलेटर का यूज कर सकते हैं। उससे तुरंत आपको अपने डिपॉजिट अमाउंट की जानकारी मिल जाएगी।
अटल पेंशन योजना के लिए आवश्यक योग्यता और शर्तें
आपका पोस्ट ऑफिस या बैंक में सेविंग अकाउंट होना चाहिए, उसी अकाउंट के माध्यम से आपका अटल पेंशन योजना में रजिस्ट्रेशन होगा। उसी अकाउंट के माध्यम से पहले आपकी किस्तें जमा होंगी। 60 साल की उम्र के के बाद उसी अकाउंट से आपको पेंशन मिलेगी। अटल पेंशन योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवश्यक योग्यताएं इस प्रकार हैं-
- आवेदक को भारत का नागरिक (citizen of India) होना चाहिए (विदेशी नागरिकों को इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं है)
- 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच उम्र वाले ही इस योजना में, रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं
- पेंशन अकाउंट में कम से 20 साल तक, पैसा जमा (contributions) होना चाहिए।
- आवेदक के बैंक अकाउंट में उसका आधार नंबर लिंक होना चाहिए।
- अगर आप इनकम टैक्स चुकाते हैं ( income-tax payer) तो आप अटल पेंशन योजना में रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते। (यह नियम 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो चुका है)
बीच में ग्राहक की मौत हो जाने पर क्या होगा?
- ग्राहक की मौत होने के बाद, उसकी पत्नी या पति (spouse) को भी, उतनी ही पेंशन मिलती रहेगी, जितनी कि पहले से मिलती रही है।
- अगर पेंशन 60 साल की उम्र पूरी होने के पहले ही ग्राहक की मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी या पति को, उसके खाते का पूरा पैसा दे दिया जाता है।
- इस स्थिति में (60 वर्ष की उम्र के पहले मृत्यु होने पर), पत्नी या पति के पास, अकाउंट को आगे भी जारी रखने का विकल्प होता है, वह बाद की किस्तें जमा करते हुए अकाउंट को चालू रख सकती है।
- अगर ग्राहक की उम्र 60 साल पूरी होने के पहले ही ग्राहक की और उसकी पत्नी या पति (spouse) की मौत हो जाती है, तो नोमिनी को, उस खाते का पूरा पैसा दे दिया जाता है।
पैसा कैसे जमा होता है?
आपने जिस रकम को जमा करने के लिए सहमति दी होगी, आपके अकाउंट से उतना पैसा अपने आप कट जाएगा यानी कि Auto Debit हो जाएगा।
क्या अटल पेंशन योजना अकाउंट में सरकार भी अपनी तरफ से पैसे जमा करती है?
जिन लोगों ने अटल पेंशन योजना में 31 दिसंबर 2015 के पहले रजिस्ट्रेशन करा लिया था, उनके अकाउंट में भारत सरकार की ओर से भी एक निश्चित हिस्सा जमा किया गया है। यह रकम हर साल 1000 रुपए या आवेदक की ओर से जमा की गई रकम का 50% तक हो सकती है। इन दोनों विकल्पों में से जो रकम कम होगी, उतना पैसा सरकार की ओर से जमा किया जाएगा।
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) क्या है?
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), एक प्रकार से रिटायरमेंट फंड और पेंशन के लिए long-term investment plan के रूप में काम करती है। सरकारी, गैर सरकारी कर्मचारियों के अलावा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम का हिस्सा बन सकता है।
इसमें आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए, मार्केट में निवेश करना पड़ता है। NPS में जमा के बदले में आपको जो रिटर्न मिलता है, वह बाजार की स्थितियों (market conditions) के हिसाब से तय होता है। उसी के आधार पर आपकी पेंशन भी निर्थारित होती है।
आपके निवेश का प्रबंधन करने वाले PFMS, आपके निवेश के नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर, रिटर्न का निर्धारण करते हैं। इसके अलावा, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने (subscriber) किस तरह के investment विकल्प चुने हैं।
स्कीम को अपनाने पर, आपको अपनी नौकरी/रोजगार के दौरान, NPS अकाउंट में पैसे जमा करने होंगे। रिटायरमेंट के बाद, कर्मचारी, अपने पेंशन अकाउंट की रकम (corpus) का एक निश्चित हिस्सा निकाल भी सकता है। बाकी जमा पैसों के बदले में आपको पेंशन मिला करती है।
NPS अकाउंट के दो प्रकार
NPS accounts दो प्रकार के होते हैं-
Tier 1 टाइप NPS अकाउंट में lock-in period होता है और सामान्य स्थितियों में इसका पैसा ग्राहक की उम्र 60 वर्ष पूरी होने तक नहीं निकाला जा सकता। हालांकि कुछ गंभीर परिस्थितियों जैसे कि गंभीर बीमारी या मौत होने की स्थिति में, पैसे निकालने की अनुमति मिल सकती है।
Tier 2 टाइप NPS अकाउंट्स में कोई lock-in period नहीं होता। इसमें से आप कभी भी और कितना भी पैसे निकाल सकते हैं। Tier II NPS अकाउंट दरअसल, एक प्रकार के स्वैच्छिक सेविंग अकाउंट (voluntary savings account) की तरह काम करता है।
NPS के तहत निवेश के विकल्प
Gilt Funds:, ऐसे म्यूचुअल फंड्स होते हैं, जो कि सिर्फ government securities में निवेश करते हैं। जो निवेशक जोखिम उठाने से बचते हैं (conservative investors), वे सरकारी बांडों में निवेश को प्राथमिकता देते हैं, जोकि ज्यादा सुरक्षित होते हैं। क्योंकि इनका रिटर्न लगभग निश्चित होता है।
Corporate bonds: कॉरपोरेट बांड्स, वे बांड्स होते हैं, जिन्हें कंपनियों की ओर से जारी किया जाता है। कंपनियां अपने बिजनेस को विस्तार देने के लिए, बाजार से पैसा उठाने के लिए, इन बांडों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे विस्तारक कामों में नया प्लांट लगाना, मशीनरी या उपकरण खरीदना या अन्य विकासपूर्ण उद्देश्य हो सकते हैं। कंपनियां ये पैसा लोन के रूप में उठाती हैं, जिसके बदले में एक निश्चित रिटर्न देने का वादा करती हैं।
Equity Funds इक्विटी फंड्स, ऐसी म्यूचुअल फंड्स स्कीम है, जिसमें ग्राहक के निवेश का बड़ा हिस्सा कंपनियों के शेयरों और स्टॉक्स में लगाया जाता है। भारत में ऐसे म्यूचुअल फंड्स को equity mutual fund scheme कहा जाता है, जिसमें निवेश का कम से कम 65% हिस्सा शेयरों या उससे संबंधित उपायों में लगाया गया हो।
आप इनमें से हर असेट क्लास के लिए अपने फंड का एक परसेंट तय कर सकते हैं। इन सभी असेट क्लास के लिए आप चाहे कोई एक पेंशन फंड मैनेजमेंट कंपनी चुनिए या फिर अलग-अलग PFM भी चुन सकते हैं।
NPS से कितना रिटर्न मिल सकता है?
नीचे हम अलग-अलग निवेश पोर्टफोलियो के हिसाब से संभावित रिटर्न की तालिका भी दे रहे हैं। इनसे आप अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न का अनुमान लगा सकते हैं। (लेकिन, ध्यान रखें कि ये आंकड़े, बाजार की स्थितियों के हिसाब से कम-ज्यादा भी हो सकते हैं)
ग्राहक का प्रकार | पोर्टफोलियो मिक्स का सैंपल | औसत रिटर्न के अनुमान |
एग्रेसिव सब्सक्राइबर | 50% इक्विटी फंड में+30% कॉरपोरेट बॉन्ड में+20% गिल्ट फंड में | 6 महीने बाद – 8.31%1 वर्ष बाद – 16.48%3 वर्ष बाद- 9.49%5 वर्ष – 12.61% |
बैलेंस्ड ग्राहक | 33.3% इक्विटी फंड+33.3% कॉर्पोरेट बॉन्ड+33.3% गिल्ट फंड | 6 महीने – 6.71%1 वर्ष – 11.49%3 वर्ष – 9.74%5 वर्ष – 11.75% |
कंजर्वेटिव ग्राहक | 20% इक्विटी फंड+30% कॉर्पोरेट बॉन्ड+50% गिल्ट फंड | 6 महीने – 5.36%1 वर्ष – 7.17%3 वर्ष – 9.93%5 वर्ष – 11.04% |
NPS मे निवेश पर रिटर्न की गणना करने के लिए, आप NPS Trust की ओर से उपलब्ध कराए गए NPS कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका लिंक है-https://npstrust.org.in/hi/nps-calculator
बीच में पैसा निकालने की सुविधा (Withdrawal)
एनपीएस के Tier-II अकाउंट से आप कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। इसमें कोई रोक-टोक नहीं है। और ये म्यूचुअल फंड स्कीम की तरह काम करता है।
लेकिन NPS के Tier-I अकाउंट से बीच में पैसा निकालने की कड़ी शर्तें हैं। अगर आप 60 साल से पहले पैसा निकालना चाहतें हैं तो आपको तीन शर्तें पूरी करनी होंगी।
- अकाउंट कम से कम 3 साल पहले खुलवाया हो
- पैसा केवल कुछ खास मकसद के लिए ही निकाल सकते हैं जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, शादी (weddings), प्रॉपर्टी खरीदने (property purchases) के लिए या मेडिकल इमरजेंसी के लिए।
- आपने जितना पैसा जमा किया है उसका केवल 25% ही निकाल सकते हैं
- कुल तीन बार ही आंशिक निकासी की सुविधा मिलेगी।
बीच में अकाउंट बंद करना (prematurely closed) : स्कीम को बीच में बंद करने पर, कुल पैसों (accruing corpus) का 20% तक ही मिल सकेगा। बाकी बचे 80% को पेंशन के लिए (annuities) के रूप में जमा रखना अनिवार्य होगा।
NPS या APY में से किसे चुनना बेहतर रहता है?
अगर आप Market Risk को समझते हैं और market conditions का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अपनाना चाहिए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि बाजार रिटर्न, प्रचलित बाजार स्थितियों के हिसाब से कम-ज्यादा हो सकता है। लेकिन, अगर आप निश्चित (fixed) और सुरक्षित (Safe) रिटर्न चाहते हैं तो आपको अटल पेंशन योजना में पैसा लगाना चाहिए।
क्या NPS और APY, दोनों स्कीमों को एक साथ अपना सकते हैं?
हां, कोई व्यक्ति चाहे तो NPS (National Pension System) और APY (Atal Pension Yojana) , दोनों को अपना सकता है। बस उसके साथ दोनों स्कीमों की शर्तें अलग-अलग पूरी होनी चाहिए।
तो दोस्तों ये थी पोस्ट ऑफिस से पेंशन प्लान लेने के बारे में जानकारी। अगर आप कोई ऐसा प्लान चाहते हैं जिससे अच्छे रिटर्न के साथ-साथ टैक्स भी बच जाए तो हमारे पोस्ट बेस्ट टैक्स सेविंग प्लान्स को जरूर पढ़ें