अक्सर हमें ऐसी स्कीम चाहिए होती है जिसमें 5-6 साल के लिए पैसा जमा होता हो। क्योंकि इस स्कीम के जरिए हम अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी या घर बनवाने के लिए पैसा जमा कर सकते हैं। हमारी इसी जरूरत को देखते हुए सरकार पोस्ट ऑफिस के जरिए ऐसी कई स्कीम चलाती है। इनमें से कुछ स्कीम की सुविधा बैंकों में भी मिल जाती है। आइए पोस्ट ऑफिस की 5 साल वाली स्कीम को अच्छी तरह से जानते हैं।
1. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post Office Time Deposit)
ये पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है। चूंकि इसकी अवधि फिक्स होती है और आपको उसी अवधि के लिए पैसा जमा करना होता है इसलिए यहां पर इसे टाइम डिपॉजिट स्कीम कहते हैं। इसमें कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं होती है।
पोस्ट ऑफिस में 4 अवधि की टाइम डिपॉजिट स्कीम होती है। एक साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल। इसमें से 5 साल वाली टाइम डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दर सबसे ज्यादा होती है और इसमें पैसा जमा करने पर टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है।
फिलहाल पांच साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दर 7.5% है। इसकी कंपाउंडिंग हर तीन महीने पर होती है।
इसमें एक बार निवेश करने के बाद ब्याज दर बदलती नहीं है। यानी आपको पहले से पता होता है कि 5 साल बाद कितने रुपए मिलेंगे।
इस मौजूदा इन्ट्रेस्ट रेट पर एक लाख रुपए जमा करने से 5 साल बाद आपको ₹1,44,995 मिलेंगे।
ध्यान रखिएगा कि इससे जो भी ब्याज मिलता है वो उसी तरह टैक्सेबल होता है जैसे बैंक एफडी से मिलने वाला ब्याज। मतलब अगर आपकी कुल इनकम टैक्सेबल होगी तो इस पर टैक्स देना होगा।
5 साल बाद इसके अकाउंट को नए इन्ट्रेस्ट रेट पर अगले 5 साल के लिए आगे भी बढ़ा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में इसके अलावा भी कई फायदे होते हैं। आप उनके बार में भी जान सकते हैं।
2. रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit)
पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट भी पांच साल के लिए ही होता है। इसकी सिर्फ एक ही अवधि है। इस स्कीम में पैसा जमा करने की कोई ऊपरी लिमिट नहीं होती है।
इस स्कीम में आपको हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट जमा करना होता है। पैसा जमा करने का ये सिलसिला पूरे पांच साल चलता है। 5 साल बाद पूरा जमा पैसा और ब्याज वापस मिल जाता है।
फिलहाल पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट का इन्ट्रेस्ट रेट 6.7% सालाना है। इस स्कीम में भी हर तीन महीने पर कंपाउंडिंग होती है।
पोस्ट ऑफिस में 5 साल के रिकरिंग डिपॉजिट का रेट 5 साल के टाइम डिपॉजिट से कम होता है। हालांकि बैंकों के आरडी का रेट उसी अवधि के एफडी के रेट के बराबर होता है।
इस स्कीम में पैसा जमा करने पर किसी तरह की टैक्स छूट नहीं मिलती है। बल्कि इसका इन्ट्रेस्ट रेट भी टैक्सेबल होता है।
अगर आप चाहें तो इस स्कीम के अकाउंट को भी नए रेट पर अगले पांच साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं।
3. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Saving Certificate)
पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम भी टाइम डिपॉजिट की तरह ही 5 साल वाली स्कीम होती है। लेकिन इसके नियम थोड़ा सख्त हैं। इसका पैसा आप बीच में नहीं निकाल सकते हैं।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में एक मुश्त पैसा जमा करना होता है । इस स्कीम में आप चाहे जितना पैसा जमा कर सकते हैं कोई लिमिट नहीं होती है। पांच साल बाद पूरा पैसा और ब्याज वापस मिल जाता है।
पहले इस स्कीम में निवेश करने पर सर्टिफिकेट मिलता था। लेकिन अब इसमें भी पासबुक ही दिया जाता है।
इस स्कीम में निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। इस सेक्शन के तहत कुल 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।
इस स्कीम से मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल होता है। हालांकि कोई टीडीएस नहीं कटता है।
सरकार फिलहाल इस स्कीम पर 7.7% सालाना का ब्याज देती है। यानी इसकी ब्याज दर 5 साल की एफडी से थोड़ा ज्यादा होती है। लेकिन सालाना कंपाउंडिंग होने की वजह से इसका कुल ब्याज उससे थोड़ा कम ही होता है।
फिलहाल 7.7% के हिसाब से अगर इस स्कीम में 1 लाख रुपए जमा करेंगे तो 5 साल बाद हमें 1,44,903 रुपए मिलेंगे।
4. सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme)
ये स्कीम खासकर बुजुर्गों के लिए है। इसमें सिर्फ 60 साल से ऊपर के लोग ही निवेश कर सकते हैं। हालांकि डिफेंस और सरकारी कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट राशि को जमा करने के लिए कुछ रियायत मिल जाती है।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम 5 साल के लिए होती है। इसमें एक मुश्त पैसा जमा करते हैं जो 5 साल बाद वापस मिल जाता है। इस बीच हर तीन महीने पर इसका ब्याज मिलता रहता है।
इस स्कीम पर फिलहाल 8.2% का शानदार इन्ट्रेस्ट रेट मिलता है। और ये रेट निवेश करने के बाद बदलता नहीं है। यानी हर तीन महीने पर मिलने वाला ब्याज फिक्स होता है। इस स्कीम में अगर आप 10 लाख रुपए जमा करेंगे तो हर तीन महीने पर ₹20,500 मिलेंगे।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के आप चाहे जितने अकाउंट खुलवा सकते हैं। बस आपको कम से कम एक हजार रुपए जमा करना होगा। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि आपके सभी अकाउंट में कुल 30 लाख रुपए से ज्यादा नहीं जमा हो सकता है।
अगर आपके पास और ज्यादा पैसा है तो पति या पत्नी के नाम से भी 30 लाख रुपए जमा कर सकते हैं। इस तरह अगर आप इस स्कीम में कुल 60 लाख रुपए जमा करते हैं तो हर तीन महीने पर 1,23,000 की इनकम होगी ।
5 साल की अवधि खत्म होने के बाद आप इस स्कीम के 3-3 साल के लिए आगे बढ़ाते रह सकते हैं। लेकिन हर बार एक्सटेंशन के समय जो भी नया रेट होगा उसी रेट पर ब्याज दिया जाएगा।
5. मंथली इनकम स्कीम (Monthly Income Scheme)
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम भी 5 साल के लिए होती है। इस स्कीम में आपको एकमुश्त पैसा जमा करना होता है।
इसमें भी सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम की तरह रेगुलर ब्याज मिलता है। बस फर्क इतना है कि उसमें हर तीन महीने पर ब्याज मिलता है जबकि यहां हर महीने ब्याज दिया जाता है।
ये स्कीम सबके लिए है। यानी किसी भी उम्र के लोग इसमें पैसा लगा सकते हैं। लेकिन इस स्कीम में पैसा लगाने की मैक्सिमम लिमिट काफी कम है।
इस स्कीम के सिंगल अकाउंट में आप ज्यादा से ज्यादा 9 लाख रुपए ही निवेश कर सकते हैं। जबकि ज्वाइंट अकाउंट में 15 लाख रुपए तक पैसा जमा हो सकता है।
इस स्कीम के भी कई अकाउंट खोल सकते हैं। लेकिन आपके अकेले नाम पर कुल 9 लाख रुपए ही जमा हो सकते हैं।
सरकार फिलहाल इस स्कीम पर 7.4% सालाना की ब्याज दर दे रही है। ये ब्याज दर फिक्स रहती है। यानी एक बार पैसा जमा कर देने पर हर महीने एक फिक्स ब्याज मिलेगा।
इस स्कीम में अगर आप 9 लाख रुपए जमा करते हैं तो मौजूदा रेट के हिसाब से हर महीने आपको ₹5,550 मिलेंगे।
तो दोस्तों ये थीं पोस्ट ऑफिस की 5 साल वाली स्कीम । इन सभी स्कीम में निवेश के बाद इन्ट्रेस्ट रेट नहीं बदलता है। यानी आपको ब्याज और जमा को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करती है।
लेकिन नए निवेश पर रेट बदल सकता है। क्योंकि सरकार हर तीन महीने पर पोस्ट ऑफिस की सभी सेविंग स्कीम के इन्ट्रेस्ट रेट की समीक्षा करती है। इसलिए इनके रेट बदलते रहते हैं।
पोस्ट ऑफिस की कुछ लॉन्ग टर्म वाली ऐसी स्कीम भी होती हैं जिसमें जमा पैसे के लिए भी ब्याज दर बदल जाता है। जैसे पीपीएफ स्कीम और सुकन्या समृद्धि स्कीम। हालांकि इनका रेट अच्छा होता है और इनका ब्याज भी टैक्स फ्री होता है।