रिजर्व बैंक ने ई-रूपी लॉन्च कर दिया है। अभी हम जो करेंसी नोट यूज करते हैं ये उसकी जगह पर यूज हो सकेगा। अभी जब हम कुछ खरीदते थो तो कागज की नोट देते थे। लेकिन अब उसकी जगह डिजिटल करेंसी से payment हो जाएगा। मतलब हमें अब अपने पास नोट या सिक्के रखने की झंझट नहीं होगी। नोट कटेंंगे फटेंगे नहीं। bank या ATM जाकर रुपए निकालने की जरूरत भी नहीं होगी। लेकिन अभी ये सब फैसेलिटी हमें Phonepe, गूगल पे और Paytm वगैरह से भी मिल जाती है। तो फिर ई-रुपी की जरूरत क्यों पड़ी। आइए इसे समझते हैं।
UPI के बावजूद E-₹ (ई-रुपी) की जरूरत क्यों पड़ी
ये बात सही है कि ई-रुपी वही सब करेगा जो काम हम UPI payment से करते हैं। UPI payment भी ईरुपी की तरह पहले से cashless है। और इससे भी हम प्रोडक्ट या service के लिए payment ही करेंगे। फिर ई-रुपी को यूज करने का तुक क्या है।
आप ये तो मानते ही होंगे कि हर payment UPI से नहीं हो पाता है। ऐसे कई payment होते हैं जहां आप कोई रिकॉर्ड नहीं छोड़ना चाहते हैं। कई transaction प्राइवेट होते हैं और आप नहीं चाहते हैं कि उसके बारे में कोई जाने।
ऐसे कई लोग मिलेंगे जो UPI या कार्ड से payment नहीं चाहते हैं उन्हे करेंसी नोट ही चाहिए होती है। दरअसल कुछ ऐसे मौके होते हैं जब आप प्राइवेट transaction करना चाहते हैं।
लेकिन बैंकिंग system से होकर जो भी transaction होता है वो प्राइवेट नहीं होता है। UPI से हम जो लेन-देन करते हैं उसका पूरा रिकॉर्ड होता है। bank स्टेटमेंट में पूरा डिटेल मिल जाता है।
वहीं दूसरी तरफ करेंसी नोट से हम जो transaction करते हैं उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता चलता है।
चुपचाप transaction करने की इसी चाहत के चलते क्रिप्टोकरेंसी इतनी पापुलर हुई । इसी को देखते हुए सरकार ने सोचा कि वो खुद क्यों ना लोगों को सरकारी डिजिटल करेंसी दे।
जो काम तो क्रिप्टोकरेंसी की तरह करे लेकिन उसकी सप्लाई पर रिजर्व bank का नियंत्रण बना रहे। इससे इकोनॉमी को संभालने में मदद मिलती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की तर्ज पर रिजर्व bank ने अपनी सेंट्रल bank डिजिटल करेंसी लॉन्च की है। और इसका नाम दिया गया e-₹.
E-Rupee की खासियत
तो रिजर्व bank की ये डिजिटल करेंसी कैसे खास होने वाली है आइए समझते हैं।
- इसका यूज online होगा लेकिन प्राइवेसी वैसी ही होगी जैसा करेंसी नोट में होता है ।
- सरकार को या किसी bank को ये नहीं पता होगा कि आपके पास ई-रुपी कहां से आया और कहां गया।
- आपके पास कितने ई-रुपी हैं इसका भी कोई हिसाब नहीं रखा जाएगा।
- ई-रुपी को ट्रैक नहीं किया जाएगा।
E-₹ की गारंटी
अभी जैसे करेंसी नोट पर रिजर्व bank की ओर से payment की gaurantee होती है उसी तरह से ई-रुपी पर भी रिजर्व bank की ओर से payment की gaurantee होती है।
दरअसल ये feature इसे upi या किसी भी बैंकिंग प्रोडक्ट से अलग बनाता है। अभी bank में रखा पैसा bank की जिम्मेदारी होता है। अगर वो डूब जाता है तो हमारा पैसा भी डूब सकता है। लेकिन ई-रुपी पर ऐसा खतरा नहीं होगा।
E-₹ के नियम
हमने ऊपर बताया कि ई-रुपी पर सरकार की नजर नहीं होगी और और इसका रिकॉर्ड नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद आपको कुछ नियम तो मानने ही होंगे।
फिजिकल करेंसी से कैश deposit करने और विदड्रॉल पर जो लिमिट्स हैं वो ई-रुपी पर भी लागू होंगी। जैसे अभी अब पचास हजार रुपए से ज्यादा का कैश जमा करते हैं तो पैन number देना होता है। उसी तरह अगर पचास हजार रुपए से ज्यादा के ई-रुपी जमा करेंगे तो भी PAN number देना होगा। यानी money laundering को रोकने के लिए जो रूल बनाए गए हैं वो ई-रुपी पर भी लागू होंगे।
ई-रुपी कैसे रखा जाएगा
जैसे अभी हमें नोट रखने के लिए जेब या वॉलेट की जरूरत होती है। उसी तरह ई-रुपी रखने के लिए डिजिटल वॉलेट की जरूरत होगी। ई-रुपी डिजिटल वॉलेट में ही स्टोर रहेंगे।
जब आप bank से request करेंगे तो वो कैश देने के बजाय आपके वॉलेट में ई-रुपी डाल देगा। एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने का एक system होगा। और सभी वॉलेट उसी system से जुड़े होंगे।
डिजिटल करेंसी का मूल्यवर्ग (Denomination)
वॉलेट में ये ई-रुपी उसी तरह रखा होगा जैसे असली नोट आपकी जेब में रहते हैं। जैसे अगर आपकी जेब में एक हजार दो सौ रुपए हैं। तो हो सकता है ये पांच सौ रुपए की दो नोट और दो सौ रुपए की एक नोट के रूप में होंगे। इसी तरह अगर वॉलेट में कुल 1200 रुपए होंगे तो ये भी पांच सौ रुपए की दो डिजिटल करेंसी और दो सौ रुपए की एक डिजिटल करेंसी के रूप में होगा।
रिजर्व bank की ये डिजिटल करेंसी बिल्कुल फिजिकल रुपए की कॉपी होगा। जैसे फिजिकल करेंसी में एक रुपए, दो रुपए, पांच रुपए और दस रुपए की सिक्के होते हैं इसके अलावा पांच, दस, बीस पचास, सौ, दो सौ, पांच सौ और दो हजार रुपए के नोट होते हैं। उसी तरह ई-रुपी भी इन्ही value के होंगे।
वैसे डिजिटल करेंसी में इस तरह अलग अलग डिनॉमिनेशन की जरूरत नहीं होती है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं होता है। लेकिन सहजता बनाए रखने के लिए और रुपए से जुड़ाव दिखाने के लिए रिजर्व bank ने इस तरह ई-रुपी को अलग अलग मूल्यवर्ग में लॉन्च किया है।
E-Rupee का इस्तेमाल कैसे करेंगे
रिजर्व bank की इस डिजिटल करेंसी का यूज वैसे ही हो सकता है जैसे अभी आप फिजिकल रुपए का करते हैं।
- इसका इस्तेमाल किसी से लेन-देन में हो सकता है। बस इसके लिए दोनों के मोबाइल में ई-रुपी का वॉलेट होना चाहिए
- इस ई-रुपी को आप सामान खरीदने में भी यूज कर सकते हैं। सामान खरीदने के लिए क्यू आर कोड का यूज वैसे ही करना होगा जैसे अभी आप UPI payment के लिए करते हैं। payment के साथ ही ईरुपी आपके वॉलेट से निकलकर मर्चेंट के वॉलेट में चला जाएगा।
फिजिकल करेंसी में बदला जा सकेगा
ई-रुपी का यूज वैसे ही होगा जैसे UPI का होता है। लेकिन इसमें फिजिकल करेंसी में बदलने की एक खास सुविधा है।
- कोई भी आदमी जिसके पास ई-रुपी है वो bank जाकर उसके बदले वही करेंसी नोट ले सकता है।
- मर्चेंट भी ई-रुपी के बदले फिजिकल करेंसी नोट दे सकते हैं।
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ई-रुपी के सवाल और उनके जवाब
आइए ई रुपी से जुड़े कुछ और सवालों के जवाब जानते हैं।
- शुरू में ई-रुपी कहां से मिलेगा
ई-रुपी बैंकों से मिलेंगे। bank अपने ग्राहकों को कैश की जगह पर ई-रुपी दे सकते हैं। आपके request करने पर ई-रुपी दिया जाएगा।
- ई रुपी कैसे मिलेगा
ये एक डिजिटल करेंसी है। मतलब हम इसको छू नहीं सकते हैं। ये एक खास CBDC वॉलेट में रहेगा। जैसे डीमैट खाते में किसी कंपनी के share रहते हैं। उसी तरह CBDC वॉलेट में अलग अलग value के ई रुपी रहेंगे।
- हमें किस किस value की डिजिटल करेंसी मिलेगी।
फिजिकल करेंसी की तरह आप ई-रुपी की value भी चूज कर सकते हैं. ये दो हजार, पांच सौ, दो सौ, एक सौ, पचास, बीस और दस रुपए का हो सकता है।
- ई-रुपी का यूज कहां कर सकते हैं
जहां कहीं भी payment की जरूरत होगी वहां ई रुपी का यूज हो सकता है। जैसे आप किसी को पैसे भेजना चाहते हैं तो उसे ई-रुपी के तौर पर भेज सकते हैं। किसी दु्कानदार से कुछ खरीदते हैं तो उसका payment भी ई-रुपी में कर सकते हैं।
- वॉलेट में जो ई-रुपी जमा रहेगा क्या उस पर कुछ ब्याज भी मिलेगा
जैसे फिजिकल करेंसी अपने पास रखने से कोई ब्याज नहीं मिलता है उसी तरह डिजिटल करेंसी को भी अपने वॉलेट में रखने से कोई ब्याज नहीं मिलेगा
- क्या एक दिसंबर से ई-रुपी सभी जगह मिलने लगेगा
दोस्तों फिलहाल रिजर्व bank ई-रुपी का पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है। मतलब ट्रायल चल रहा है। इसलिए अभी ये पूरे देश में अवलेबल नहीं होगा। अभी पहले चरण में इसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और भुवनेश्वर में शुरू किया जाएगा। उसके बाद अगले चरण में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, शिमला और पटना में भी शुरू किया जाएगा।
- फिलहाल ई-रुपी कौन-कौन से bank में अवलेबल है
अभी ये डिजिटल करेंसी कुछ चुनिंदा bank ही दे रहे हैं। पहले चरण में स्टेट bank ऑफ इंडिया, icici bank, यस bank और IDFC bank ही ई-रुपी देंगे।
दूसरे चरण में bank ऑफ बड़ौदा, यूनियन bank, HDFC bank, और कोटक महिंद्रा bank भी इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
- ई रुपी के लिए डिजिटल वॉलेट कहां से मिलेगा
अभी bank खुद ई-रुपी को स्टोर करने के लिए वॉलेट प्रोवाइड करेंगे। बाद में बैंकों के अपने मोबाइल app के साथ ये वॉलेट इंटिग्रेट भी हो सकता है।
- ई-रुपी कैसे जेनरेट किया जाएगा टेक्नोलॉजी क्या होगी
रिजर्व bank इस डिजिटल करेंसी के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का यूज करेगा। इस टेक्नोलॉजी की वजह से एक हद तक ई-रुपी को ट्रैक नहीं किया जा सकता है।
E-₹ कितने काम का है
तो ये थी ई-रुपी से जुड़ी पूरी जानकारी। हमने आपको इसके फायदे भी बताए हैं। लेकिन क्या आपको लगता है कि ई-रुपी पापुलर हो पाएगा। क्योंकि अभी UPI से हमारा पूरा काम हो जाता है।
ई-रुपी ऐसा कुछ भी अलग नहीं करता है जो UPI से नहीं हो जाता है। बस ई-रुपी में एक ही फायदा दिख रहा है कि ये ट्रैक नहीं हो सकता है। लेकिन अभी रिजर्व bank ने इस पर कुछ पक्का वादा नहीं किया है। मतलब इसका जो इकलौता फायदा है वो भी कन्फर्म नहीं है।
लेकिन अगर ई-रुपी का transaction गुमनाम रहता भी है तो भी ये UPI को टक्कर नहीं दे पाएगा। क्योंकि UPI ने भारत में पैठ बना ली है। ऐसे में लोगों को नया system सीखना थोड़ा मुश्किल होगा।
फिर भी देखते हैं कि आगे क्या होता है। अगर आपको हमारा ये पोस्ट काम का लगा हो तो इसे share जरूर कीजिए। और हां हमारी वेबसाइट पर आते रहिए