आपने पैन कार्ड का नाम जरूर सुना होगा। क्योंकि बहुत से लोगों ने ये कार्ड बनवा लिया है। और कई लोग आपको भी ये कार्ड बनवाने की सलाह दे रहे होंगे। ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर ये पैन कार्ड क्यों बनवाया जाता है और इससे क्या लाभ होता है। तो आइए इस पोस्ट में यही समझते हैं कि पैन कार्ड बनवाने से क्या फायदा है।

1. बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए
अगर आप बैंक में अकाउंट खलवाने जाएंगे तो फिर आपसे पैन कार्ड जरूर मांगा जाता है। ये पैन कार्ड हर तरह के अकाउंट के लिए जरूरी होता है। फिर चाहे आप सेविंग अकाउंट खुलवाएं या फिर करेंट अकाउंट।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बिना पैन कार्ड के आपका अकाउंट नहीं खुलेगा। अकाउंट खुलेगा लेकिन आपको फॉर्म 60 भरकर देना होगा। इस फॉर्म में आप लिखकर देते हैं कि आपकी कमाई टैक्सेबल नहीं है।
ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर आपकी कमाई टैक्सेबल हुई तो फिर आपको पैन कार्ड बनवाना ही होगा। फिलहाल 5 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
2. 50 हजार रुपए से ज्यादा जमा करने के लिए
बैंक में पैसा जमा करने के लिए भी पैन कार्ड की जरूरत पड़ सकती है। फिर चाहे आप अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा करें या फिर किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में। जी हां बैंक का नियम कुछ इसी तरह है।

अगर आप किसी बैंक 50 हजार रुपए या उससे ज्यादा जमा करेंगे तो फिर आपको अपना पैन नंबर जरूर बताना होगा। इसलिए अगर पैन नंबर नहीं होगा तो फिर आप पचास हजार या उससे ज्यादा नहीं जमा कर पाएंगे।
यहां पर हम कैश डिपॉजिट की बात कर रहे हैं। ऑनलाइन या फिर चेक से डिपॉजिट के लिए पैन जरूर नहीं है।
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3. फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए पैन

जैसे बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए पैन की जरूरत होती है उसी तरह बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए भी पैन जरूरी है। लेकिन ये नियम पचास हजार या उससे ज्यादा के फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए ही है।
फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज टैक्सेबल होता है। और अगर किसी साल इस ब्याज की रकम 40 हजार रुपए से ज्यादा हुई तो टीडीएस कट जाता है। वैसे तो इस टीडीएस का रेट 10% का होता है लेकिन अगर पैन नहीं होगा तो फिर 20% के हिसाब से टीडीएस कटेगा।
4. होटल में पेमेंट के लिए

होटल में पेमेंट के लिए भी पैन की जरूरत पड़ सकती है। ये सुनकर आपको थोड़ी हैरानी हो रही होगी। लेकिन सरकार ने नियम बनाया है कि अगर आप किसी होटल में पचास हजार या उससे ज्यादा का पेमेंट करते हैं तो फिर आपको अपना पैन नंबर भी बताना होगा।
बिल पचास हजार रुपए से कम है तो फिर चिंता की कोई बात नहीं है।
5. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए PAN जरूरी

जिन लोगों की सालाना कमाई 2.5 लाख रुपए से ज्यादा होती है उन्हे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है। इसके अलावा उन लोगों को भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए जिनका टीडीएस कटा है और वो उसे वापस चाहते हैं।
लेकिन इस इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन जरूरी है। बिना पैन के आप इनकम टैक्स रिटर्न का पहला कदम ही नहीं उठा सकते हैं। दरअसल इनकम टैक्स विभाग ही पैन नंबर जारी करता है। और वो हर कमाने वाले को पैन के आधार पर ही पहचानता है।
6. क्रेडिट कार्ड या बैंक लोन के लिए

दोस्तों आमतौर पर जहां भी पैसे की बात आती है वहां पैन आ जाता है। अब अगर आप बैंक से लोन लेने जाएंगे तो भी पैन देना पड़ेगा। लोन के मामले में तो कोई छूट भी नहीं है। बिना पैन के लोन ही नहीं मिलेगा।
इसी तरह अगर क्रेडिट कार्ड यूज करने की सोच रहे हैं तो भी पैन कार्ड बनवा लीजिए । क्योंकि इसके बिना क्रेडिट कार्ड बनता ही नहीं है।
दरअसल, रिजर्व बैंक ब्लैक मनी पर लगाम लगाना चाहता है। इसलिए वो पैसा जमा करने वाले और पैसा निकालने वाले दोनों की पहचान को पक्का करना चाहता है। और इसके लिए सबसे कारगर तरीका पैन कार्ड ही है।
7. शेयर बाजार में निवेश के लिए

शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट भी पैसे का ही मामला है इसलिए वहां भी पैन जरूरी होता है। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के नियम सेबी नाम की एक संस्था बनाती है।
और इसका नियम है कि शेयर में निवेश की बात हो या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश की, पैन नंबर देना अनिवार्य है। यानी आपके पास पैन कार्ड जरूर होना चाहिए।
8. इंश्योरेंस के लिए पैन

इंश्योरेंस कराने के लिए भी पैन की जरूरत होती है। लेकिन यहां पर थोड़ी रियायत मिल जाती है। इंश्योरेंस में पैन की जरूरत तभी होती है जब साल भर में प्रीमियम की रकम पचास हजार रुपए को क्रॉस कर जाए।
इसलिए अगर आप साल भर में पचास हजार से ज्यादा के प्रीमियम वाला इंश्योरेंस कराएंगे तो फिर शुरू में ही पैन की कॉपी जमा करना होगा। ये नियम सभी तरह के इंश्योरेंस प्लान पर लागू होता है।
9. ज्वेलरी खरीदने के लिए

पहले सोने में ब्लैक मनी को खपाया जाता था। लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि सरकार ने महंगी ज्वेलरी खरीदने पर पैन नंबर बताना जरूरी कर दिया है।
अगर आप दो लाख रुपए से ज्यादा के गहने खरीदते हैं तो फिर पैन की कॉपी भी जमा करना होगा। पैन देने का ये नियम तब भी होगा जब आप चेक या कार्ड से पेमेंट करते हैं। कैश पेमेंट पर तो पैन देना ही होगा।
10. कार खरीदने या बेचने के लिए पैन की जरूरत

अगर आप नई कार खरीदने जा रहे हैं तो फिर साथ में पैन कार्ड भी जरूर ले जाइए। क्योंकि नई कार खरीदने के लिए आपको पैन कार्ड की कॉपी भी देना पड़ सकता है।
दरअसल, सरकार ने नियम बनाया है कि अगर गाड़ी की कीमत पांच लाख रुपए से ज्यादा हुआ तो फिर खरीदार का पैन नंबर बताना होगा। पैन का ये नियम हर तरह की गाड़ी के लिए है।
इसी तरह कार बेचने पर भी KYC Documents के साथ साथ पैन भी देना होता है।
11. विदेशी मुद्रा के लेन-देन के लिए

अगर आप किसी दूसरे देश की करेंसी खरीदते हैं तो फिर आपको पैन नंबर देना होता है। बिना पैन नंबर के Money Exchange नहीं होगा।
इसी तरह अगर आपके पास विदेशी मुद्रा में आमदनी हो रही तो भी पैन कार्ड देना जरूरी है। बिना पैन के डॉलर नहीं मिलेंगे!
12. प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के लिए

प्रॉपर्टी के सौदों में भी अब पैन जरूरी हो गया है। ये भी ब्लैक मनी पर रोक लगाने के लिए किया गया है। अब अगर आप 5 लाख रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते हैं तो पैन नंबर देना होगा। इसके अलावा प्रॉपर्टी किराए पर देने पर भी पैन नंबर देना होता है।
दरअसल प्रॉपर्टी डीड में ही प्रॉपर्टी बेचने वाले और खरीदने वाले का पैन डिटेल देना जरूरी होता है।
13. पुरस्कार पाने के लिए

अगर आप किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में इनाम जीतते हैं तो भी पैन देना होता है। पैन की जरूरत तभी पड़ती है जब इनाम की रकम एक लाख रुपए या उससे ज्यादा होती है।
इसके अलावा किसी भी क्विज वगैरह से भी जो कमाई होती है उस पर भी टैक्स कटता है। यानी उसके लिए भी पैन की जरूरत होती है।
तो दोस्तों अब आपको पता चल गया होगा कि पैन कितना जरूरी है और उसको बनवाने से क्या क्या फायदा होता है। तो अब आप तुरंत पैन बनवा लीजिए। पैन ऑनलाइन बन जाता है और एक दिन के अंदर ही पैन नंबर भी मिल जाता है।