पोस्ट ऑफिस की जरूरत अब कम पड़ती है लेकिन अगर आपको अच्छा ब्याज चाहिए तो Post Office जरूर जाना चाहिए। यहां पर आपको कई बेहतरीन Savings Scheme मिल जाएंगी। ऐसी ही एक स्कीम है PPF यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड। करीब 60 साल पुरानी ये स्कीम आज भी पापुलर है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है सेफ्टी और Tax Saving। आइए देखते हैं आप पोस्ट ऑफिस में इसका खाता कैसे खोल सकते हैं।
1. पोस्ट ऑफिस PPF में कितना ब्याज मिलता है (Interest Rate of PPF Scheme)
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम में अगर आप हर महीने ₹12,500 रुपए जमा करेंगे तो 30 साल में आपके पास 1.60 करोड़ रुपए हो जाएंगे। इतना पैसा इस स्कीम की ब्याज दर की वजह से जमा होगा।
फिलहाल पोस्ट ऑफिस PPF Account पर 7.1% सालाना की ब्याज दर चल रही है। पिछले 4 साल से यही ब्याज दर लागू है। हालांकि उम्मीद है कि जल्दी ही ये दर बढ़ जाएगी।
ऊपर हमने जो आपको 1.6 करोड़ रुपए जमा होने की बात कही थी वो 7.1% ब्याज के हिसाब से थी। लेकिन अगर ब्याज दर बढ़ती है तो और ज्यादा अमाउंट जमा हो सकता है।
हालांकि दोस्तों मैच्योरिटी अमाउंट के बारे में अभी से पक्का नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस स्कीम की ब्याज दर बदलती रहती है। इसकी जो भी नई ब्याज दर घोषित की जाती है वो पूरे अकाउंट बैलेंस पर लागू होती है। हालांकि ये भरोसा रखिए कि सरकार इस स्कीम पर बैंकों से ज्यादा ब्याज देगी। (Interest rate can change in future and new rate applies to whole account balance)
PPF Scheme में ब्याज की गणना हर महीने के हिसाब से होती है। लेकिन खाते में ब्याज साल मे एक बार ही जमा होता है। यानी इस स्कीम में सालाना कंपाउंडिंग होती है। हर साल 31 मार्च को अकाउंट में ब्याज जमा किया जाता है। (Monthly Interest calculation but annual compounding)
2. टैक्स कैसे बचता है (Tax Benefits of PPF)
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम का अकाउंट खुलवाने से आपको 3 तरीके से टैक्स बेनेफिट मिलता है।
1. जमा पर टैक्स छूट (Tax Deduction on Deposit)
इस स्कीम में हम जितना पैसा जमा करते हैं उसके बदले टैक्स छूट मिल जाती है। जितना पैसा जमा करते हैं उतना पैसा हमारी टैक्सेबल इनकम से घटा दिया जाता है। इस तरह से हमारी टैक्स देनदारी काफी कम हो जाती है।
PPF स्कीम से जमा पर मिलने वाली ये टैक्स छूट हर साल मिलती है। यानी एक बार अकाउंट खुलवाने के बाद आप हमेशा इससे टैक्स बेनेफिट लेते रह सकते हैं।
इस स्कीम को ये टैक्स छूट सेक्शन 80C के तहत दी जाती है। पीपीएफ के अलावा और भी कई स्कीम इस सेक्शन में शामिल हैं। और उन सभी में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है। इस सेक्शन के तहत आप अपनी टैक्स सेविंग इनकम केवल 1.5 लाख रुपए ही घटा सकते हैं। नीचे हमने टैक्स छूट वाली दूसरी स्कीमों का नाम भी दिया है।
EPF और VPF | PPF अकाउंट स्कीम |
5 वर्षीय डाकघर एफडी | बैंकों की टैक्स सेवर एफडी |
राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) | सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम |
जीवन बीमा पॉलिसी (Life insurance) | दो बच्चों की पढ़ाई की फीस |
टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) | यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) |
ब्याज पर टैक्स छूट (Tax-Free Interest)
डाकघर की PPF Scheme में एक और फायदा हर साल मिलता है। ऊपर हमने बताया था कि इस स्कीम का ब्याज हर साल खाते में दिया जाता है। लेकिन हर साल मिलने वाले इस ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है। (tax-free interest income of post office PPF Scheme)
वहीं अगर आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट कराते तो हर साल मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कट जाता है। यानी उस पर टैक्स देना होता है। PPF Account की ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता और न ही टीडीएस कटता है।
मेच्योरिटी पर टैक्स छूट (No Tax on Maturity Amount)
मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी टैक्स लगने की संभावना होती है। जैसे गोल्ड, शेयर और प्रॉपर्टी वगैरह में आखिर में जो भी मुनाफा मिलता है उस पर टैक्स लगता है। लेकिन पीपीएफ स्कीम के साथ ऐसा नहीं है।
15 साल की अवधि पूरी होने के बाद जो PPF Account की मेच्योरिटी रकम मिलती है, उस पर भी कोई टैक्स नहीं कटता और न ही TDS कटता है। (PPF Maturity Amount is considered as an exempted income)
3. पीपीएफ स्कीम का खाता कौन खोल सकता है (PPF Scheme Eligibility)
पोस्ट ऑफिस में PPF अकाउंट खुलवाने पर कुछ खास रोक-टोक नहीं है। कोई भी बड़ा या छोटा खाता खुलवा सकता है।
भारतीय नागरिक होना जरूरी (Only For Indian Citizen)
भारत का कोई भी नागरिक (resident Indian) पोस्ट ऑफिस में PPF Account खोल सकता है। विदेशी नागरिक या NRI (प्रवासी भारतीय) के लिए, PPF Account नहीं खोला जा सकता।
हालांकि, अगर पहले से PPF Account खुला हुआ है और बीच में दूसरे देश की नागरिकता मिल जाती है, तो उस अकाउंट को मेच्योरिटी पूरी होने तक, खाता जारी रख सकते हैं।
उम्र का बंधन नहीं (No Age Limit)
इस स्कीम में कोई उम्र की सीमा नहीं होती है। छोटे से शिशु से लेकर 90 साल के बुजर्ग भी अकाउंट खुलवा सकते हैं।
18 साल से कम उम्र के बच्चों का खाता खुलवाने के लिए गार्जियन का होना जरूरी है। हालांकि 18 साल की उम्र हो जाने पर वो खाता पूरी तरह से बच्चे का हो जाएगा।
एक व्यक्ति का सिर्फ एक अकाउंट (Only one Account for an individual)
कोई भी व्यक्ति अपने नाम, सिर्फ एक PPF Account खोल सकता है। पूरे देश में किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में सिर्फ एक ही अकाउंट।
आप इस स्कीम का ज्वाइंट अकाउंट भी नहीं खुलवा सकते हैं। इसका सिर्फ सिंगल अकाउंट खुलवा सकते हैं। हालांकि इसें नॉमिनेशन की सुविधा मिलती है।
4. पैसा जमा करने के नियम (Post Office PPF Scheme Deposit Rules)
- पोस्ट ऑफिस पीपीएफ अकाउंट में कम से कम 15 साल तक पैसा जमा करना जरूरी है।
- इसमें हर साल पैसा जमा करना भी जरूरी है
- हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना होता है। किसी एक बार का डिपॉजिट 50 रुपए से कम नहीं हो सकता है
- आप इस स्कीम में किसी भी एक साल के दौरान ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए ही जमा कर सकते हैं।
- साल कितनी भी बार पैसे जमा कर सकते हैं। अब कोई रोक-टोक नहीं है। पहले साल में 12 बार पैसा जमा करने की सीमा थी।
- अगर किसी साल 500 रुपए भी नहीं जमा हो पाते हैं तो खाता सस्पेंड कर दिया जाएगा। सस्पेंड अकाउंट में नया पैसा जमा करने, लोन या आंशिक निकासी की सुविधा नहीं मिलती है।
- सस्पेंड खाता को एक्टिवेट करने के लिए छूटे हुए साल का डिपॉजिट और ₹50/ साल की पेनाल्टी जमा करना होगा।
- अगर आप अपने बच्चे के अकाउंट में भी पैसा जमा करते हैं तो अपने और बच्चों के अकाउंट की कुल लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना होगी।
- पति या पत्नी अलग-लग 1.5 लाख रुपए सालाना जमा कर सकते हैं।
- वैसे तो आजकल कंप्यूटर सिस्टम की वजह से आप किसी अकाउंट में 1.5 लाख से ज्यादा पैसे जमा नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगर जमा भी हो जाता है तो अतिरिक्त पैसा वापस कर दिया जाएगा। और अगर वापस करने में दिक्कत है तो फिर उस अतिरिक्त पैसे पर आपको ब्याज नहीं दिया जाएगा।
5. पोस्ट ऑफिस पीपीएफ स्कीम की मैच्योरिटी (Maturity of the Account)
पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ स्कीम का अकाउंट कम से कम 15 साल तक चलाना होता है। 15 साल में अकाउंट मैच्योर हो जाता है और फिर निवेशक को उसका पूरा पैसा और ब्याज मिल जाता है।
अगर अकाउंट खोले हुए पांच साल हो चुके हैं तो कुछ खास सिचुएशन में मैच्योरिटी से पहले भी अकाउंट बंद करा सकते हैं। जैसे –
- खाताधारक को जानलेवा गंभीर बीमारी हो जाने पर
- उसके पति या पत्नी या आश्रित (dependent) बच्चो को गंभीर बीमारी हो जाने पर
- खाताधारक को या उसके आश्रित बच्चो के लिए उच्च शिक्षा (higher education) के लिए
- खाताधारक के दूसरे देश की नागरिकता (citizenship) लेने पर या NRI बनने पर
- खाताधारक की मौत हो जाने पर खाता बंद हो जाएगा। इसके लिए अकाउंट का 5 साल पुराना होना जरूरी नहीं है
ध्यान दें: खाताधारक की मौत के अलावा अन्य किसी कारण से बीच में खाता बंद करने पर, ब्याज 1% कम करके दी जाएगी। ब्याज दर में यह कमी खाता खोलने से लेकर खाता बंद करने की तारीख तक की ब्याज पर लागू होगी। मतलब हर साल के ब्याज का फिर से कैलकुलेशन होगा।
6. खाता हमेशा चालू कैसे रख सकते हैं (PPF Account Extension Facility)
PPF Account 15 साल में मैच्योर होता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैच्योरिटी डेट पर अकाउंट बंद कराना जरूरी है। आप आगे भी इसके अकाउंट को चालू रख सकते हैं।
बल्कि 15 साल के बाद पीपीएफ अकाउंट का चालू रखना ज्यादा आसान है। क्योंकि कई शर्तें तब आसान हो जाती हैं। जैसे उसके बाद अकाउंट केवल 5 साल में मैच्योर हो जाएगा। मतलब लॉक-इन केवल 5 साल के लिए होगा।
15 साल पूरे होने के बाद आप पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाते रह सकते हैं। इस तरह से पीपीएफ अकाउंट पूरी जिंदगी भर चलता रह सकता है।
दरअसल जब भी PPF का अकाउंट मैच्योर होता है आपके सामने तीन रास्ते होते हैं।
- खाता को बंद करके पूरा पैसा निकाल लें – ज्यादातर लोग इसी रास्ते को चुनते हैं। इसमें आपको पूरा पैसा मिल जाता है। लेकिन इसके साथ आप आगे टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं ले पाते हैं। इसके लिए आपको फॉर्म भरना होता है
- बिना जमा के खाता-विस्तार (Extension Without Deposits )– इस रास्ते में आपको अकाउंट में आगे कोई पैसा जमा करने की जरूरत नहीं होती है। आपका खाता अगले पांच साल के लिए एक्सटेंड हो जाता है। इस दौरान आपके जमा अमाउंट पर पीपीएफ का करेंट इन्ट्रेस्ट रेट मिलता रहता है। इस तरीके में खाते का पूरा पेमेंट कभी भी लिया जा सकता है। या फिर हर वित्त वर्ष में 1 बार पैसा निकाला जा सकता है। इस रास्ते के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है। ये डिफॉल्ट ऑप्शन है।
- रेगुलर जमा के साथ विस्तार (Extension with deposits)- इस ऑप्शन में आप पहले की तरह हर साल डिपॉजिट करके अकाउंट को चालू रख सकते हैं। इस तरह से आप पहले की तरह tax deduction का फायदा भी लेते रहेंगे। इस पर भी ब्याज पहले की तरह मिलता रहेगा। इस रास्ते में आप किसी एक साल के दौरान एक बार पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन मैच्योरिटी के समय जितना पैसा था उसका केवल 60% तक ही निकाला जा सकता है।
7. पीपीएफ स्कीम सें आंशिक निकासी (Partial Withdrawal before maturity)
पीपीएफ अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद, छठे वित्त वर्ष से आंशिक निकासी (Partial withdrawal) की सुविधा चालू हो जाती है। उदाहरण के लिए अगर आपने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान PPF Account खुलवाया तो फिर अप्रैल 2029 से आपको पैसा निकालने की सुविधा मिल जाएगी।
इस तरह आंशिक निकासी की सुविधा साल में केवल एक बार मिलती है।
आंशिक निकासी की एक सीमा तय की गई है। इसके तहत आप अपने अकाउंट बैलेंस का 50% से ज्यादा पैसा नहीं निकाल सकते हैं।
अकाउंट बैलेंस भी तीन साल पहले का देखा जाएगा। जैसे अगर आपको अप्रैल 2029 में पैसा निकालना है तो 31 मार्च 2026 का अकाउंट बैलेंस चेक किया जाएगा। उस दिन जो बैलेंस होगा उसके 50% तक की रकम आप निकाल सकते हैं।
8. डाकघर पीपीएफ स्कीम से लोन कैसे मिल सकता है (How to get loan)
पोस्ट ऑफिस PPF अकाउंट से आप कर्ज भी ले सकते हैं। इसका कर्ज बैंक लोन के मुकाबले सस्ता पड़ता है।
PPF अकाउंट से कर्ज कब ले सकते हैं (Eligibility for Loan)
- जिस वित्त वर्ष के दौरान आपने अकाउंट खोला होता है, उसके बाद वाला वित्तवर्ष बीत जाने के बाद, यानी कि दूसरे वित्त वर्ष के बाद PPF Account से लोन लेने की सुविधा चालू हो जाती है।
- उदाहरण के लिए आपने 2023-24 के दौरान अकाउंट खुलवाया है तो 31 मार्च 2025 के बाद लोन ले सकते हैं।
- लोन की ये सुविधा तब तक मिलती है जब तक आंशिक निकासी की सुविधा नहीं मिलने लगती है। यानी 5 वित्त वर्ष पूरे होने तक आप लोन ले सकते हैं।
- किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ एक बार लोन लिया जा सकता है।
- जब तक पहला लोन चुकता नहीं हो जाता, दूसरा लोन नहीं मिल सकता।
कितना लोन ले सकते हैं (Loan Amount)
लोन की मात्रा, आवेदन वर्ष के पहले के पहले वाले वित्त वर्ष (second year immediately preceding the year ) के अंत में मौजूद बैलेंस के 25% से अधिक नहीं हो सकती। उदाहरण के लिए आपने अगर वित्त वर्ष 2025-26, के दौरान लोन के लिए अप्लाई किया है तो फिर 31 मार्च 2024 को मौजूद बैलेंस का 25% तक ही लोन लिया जा सकता है।
पोस्ट ऑफिस पीपीएफ अकाउंट से कर्ज की ब्याज दर (Interest Rate on Loan)
अगर लोन 36 महीने के भीतर चुकता कर दिया जाता है तो फिर 1% की दर से ब्याज चुकानी होगी।
अगर लोन 36 महीने के बाद चुकता किया जाता है तो फिर 6% की दर से ब्याज चुकानी होगी। ये ब्याज दर उस समय से लगाई जाएगी, जब से लोन जारी (disburse) किया गया था
जितना आप लोन लेंगे उतनी रकम आपके पीपीएफ अकाउंट से घट जाएगी यानी उस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस तरह से PPF के लोन का इन्ट्रेस्ट रेट पीपीएफ के रेट से 1% ज्यादा होता है।
9. पोस्ट ऑफिस पीपीएफ स्कीम के लिए कुछ टिप्स (Some tips of PPF Scheme)
- जितनी जल्दी हो सके पीपीएफ अकाउंट खुलवा लीजिए। साल में केवल 500 रुपए जमा करना होता है इसलिए आप छात्र रहते हुए भी अकाउंट खुलवा सकते हैं। जितनी जल्दी अकाउंट खुलवाएंगे उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा। जैसे अगर 20 की उम्र में अकाउंट खुलवाकर अगर हर महीने 5000 रुपए भी जमा करते हैं तो 7.1% इन्ट्रेस्ट रेट के हिसाब से 60 की उम्र तक 1.37 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे।
- बच्चों के लिए पहले अकाउंट खुलवा दीजिए। इससे बच्चों की हायर एजुकेशन तक अकाउंट मैच्योर हो जाएगा और आप हर साल इसी अकाउंट से पैसे निकाल कर फीस दे सकते हैं। बाद में यही अकाउंट बच्चों की टैक्स सेविंग में भी काम आ जाएगा। और उनके लिए लॉक-इन केवल 5 साल का होगा।
- पीपीएफ अकाउंट में आप जितना ज्यादा और जितनी जल्दी पैसा जमा करेंगे उतना फायदा होगा। अगर आपके पास एक मुश्त राशि है तो उसे तुरंत जमा कर दीजिए। फिर आपको उसे हर महीने जमा करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपको सैलरी से बचत करके पैसा जमा करना है तो फिर हर महीने जमा करना अच्छा रहेगा।
- पीपीएफ अकाउंट से ज्यादा से ज्यादा ब्याज चाहते हैं तो पैसा हमेशा हर महीने की पांच तारीख तक जा कर दीजिए। अगर किसी महीने में 5 तारीख तक पैसा जमा कर देंगे तो जमा पैसे पर उस महीने का ब्याज भी मिल जाएगा। अगर पांच तारीख के बाद पैसा जमा करते हैं तो जमा पैसे पर ब्याज अगले महीने से मिलेगा। इस तरह से एक महीने की ब्याज का नुकसान हो जाएगा।
10. पोस्ट ऑफिस या SBI: कहां होगा ज्यादा फायदा (PPF Scheme inPost office vs SBI)
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम का अकाउंट पोस्ट ऑफिस में खुलता है और स्टेट बैंक में भी । दरअसल ये अकाउंट सभी शेडयूल्ड कॉमर्शियल बैंक में खुलता है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर कहां अकाउंट खुलवाना बेहतर रहेगा।
दोस्तों सैद्धांतिक तौर पर आप चाहे जहां अकाउंट खुलवाएं एक ही बात है। क्योंकि पोस्ट ऑफिस, SBI और दूसरे सभी बैंक में ब्याज दर एक ही होती है। पीपीएफ अकाउंट के नियम भी हर जगह एक ही होते हैं। इसलिए आपको हर जगह एक बराबर फायदा होगा।
लेकिन अगर आप उस बैंक या पोस्ट ऑफिस मे अकाउंट खुलवाएंगे जहां आपका सेविंग अकाउंट है तो सुविधा हो जाएगी। बैंक में पीपीएफ अकाउंट और सेविंग अकाउंट दोनों होने से आप आसानी से पैसे जमा कर सकते हैं और अपना पीपीएफ अकाउंट ऑनलाइन भी चेक कर सकते हैं।
दोस्तों अगर आप पक्के ब्याज वाली कोई लॉन्ग टर्म स्कीम चाहते हैं तो आपके लिए किसान विकास पत्र अच्छी स्कीम हो सकती है। इसमें करीब दस साल में आपका पैसा डबल हो जाता है।
इसके अलावा अगर आप रिटायरमेंट के लिए पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा करने की सोच रहे हैं तो एनपीएस बेहतर विकल्प हो सकता है। क्योंकि उसका रिटर्न पीपीएफ से ज्यादा है और अब NPS के नए नियम के चलते पेंशन भी ज्यादा मिलेगी।
तो दोस्तों इस लेख में हमने आपको पोस्ट ऑफिस पीपीएफ स्कीम की ब्याज दर , नियम, मैच्योरिटी, निकासी और एक्सटेंशन के नियमों बताया है। उम्मीद है कि अब आप इस स्कीम के बारे में अच्छी तरह से जान गए होंगे अगर अभी भी कुछ सवाल हैं तो नीचे कमेंट करके पूछ लीजिए। और हां इस लेख को खूब शेयर कीजिए ताकि दूसरे लोगों को भी इस बेहतरीन स्कीम की जानकारी मिल सके।
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